छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ सरकार ऑनलाइन महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार मामले की फाइल सीबीआई को सौंपने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
छत्तीसगढ़ सरकार ऑनलाइन महादेव सट्टा एप घोटाले की जांच सीबीआई को सौंप सकती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्य सरकार मामले की फाइल सीबीआई को सौंपने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। यदि इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो इस घोटाले में लिप्त आरोपियों की मुश्किलें और बढ़ सकती है। क्योंकि इस केस में प्रदेश के कई सीनियर नेताओं, अधिकारियों और कारोबारियों के नाम दर्ज हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 120, 420, आइपीसी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1998 की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश सरकार में पांच साल तक राज्य में सीबीआई के बैन के बाद दिसंबर 2023 में सूबे में सत्ता बदलने के बाद बीजेपी सरकार ने राज्य में पांच से लगे बैन को हटा दिया था। पांच साल बाद छत्तीसगढ़ में सीबीआई ने दस्तक दी। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की सीजीपीएससी 2021 की भर्ती में हुई अनिमितता की सीबीआई ने पहली जांच शुरू की है। वहीं बिरनपुर हिंसा मामले की सीबीआई पहले से ही जांच कर रही है और अब तीसरी जांच महादेव एप घोटाला की भी सीबीआई करेगी।
भूपेश सरकार में शुरू हुई थी जांच
अक्टूबर 2022 में कांग्रेस की भूपेश सरकार के दौरान ईडी ने महादेव सट्टा एप मामले की जांच शुरू की थी। दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर में पुलिस ने पहली बार एफआईआर दर्ज की थी। इन्हीं केस के आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच की फाइल को आगे बढ़ाया था।
जानें पूरा मामला
महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया है। इस पर यूजर्स पोकर, कार्ड गेम्स, चांस गेम्स नाम से लाइव गेम खेलते थे। एप के जरिये क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल जैसे खेलों और चुनावों में अवैध सट्टेबाजी भी की जाती थी। अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिये एप का जाल तेजी से फैला और सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खुले। इस एप से धोखाधड़ी के लिए एक पूरा खाका बनाया गया था। इस मामले में रणवीर कपूर पर भी अवैध रूप से पैसे बनाने का आरोप लगा है। इसे लेकर ईडी ने कार्रवाई की है।
फ्रेंचाइजी के रूप में चलाते थे एप
महादेव बेटिंग ऐप कई ब्रांच से चलता था। छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव ऑनलाइन बुक एप के मेन प्रमोटर हैं। ये अपनी गतिविधियां दुबई से संचालित करते थे। हर ब्रांच को सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल फ्रेंचाइजी के रूप में बेचते थे। यूजर को
सिर्फ शुरुआत में फायदा और बाद में नुकसान होता। फायदे का 80% हिस्सा दोनों अपने पास रखते थे। इसे ऐसे बनाया गया था कि सिर्फ 30 फीसदी यूजर जीतते, बाकी हार जाते। इस एप के जरिए हुई कमाई को हवाला के जरिए होटल कारोबार और फिल्मों में लगाया गया।
महादेव बेटिंग एप का बॉलीवुड कनेक्शन
दरअसल, इस एप से जो भी काली कमाई होती थी उसे प्रमोटर बॉलीवुड फिल्मों और होटल के व्यापार में करते थे। धीरे-धीरे रवि और सौरभ की बॉलीवुड हस्तियों से पहचान हो गई। अब बारी आती है दुबई में हुई सौरभ की आलीशान शादी की। एजेंसी की मानें, तो सौरभ ने अपनी शादी में परफॉर्मेंस के लिए कई बॉलीवुड हस्तियों को बुलाया। यही नहीं सौरभ ने सेलेब्स को नागपुर से दुबई ले जाने के लिए कई प्राइवेट जेट्स तक हायर किए थे। एप प्रमोटर ने अपनी शादी में परफॉर्मेंस के लिए 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि नकदी के रूप में दी। डिजिटल भुगतान से हुए खुलासे के मुताबिक अकेले 112 करोड़ रुपये हवाला के जरिए इवेंट मैनेजमेंट कंपनी आर-1 इवेंट्स को दिए गए। वहीं 42 करोड़ रुपये की होटल बुकिंग नकद भुगतान करके की गई थी। ईडी ने बॉलीवुड सेलेब्स रणबीर कपूर, श्रद्धा कपूर, कपिल शर्मा, हिना खान और हुमा कुरैशी को पूछताछ के लिए बुलाया था।