रायपुर:- दिल्ली में होने वाली नीति आयोग की बैठक में छत्तीसगढ़ सरकार बस्तर के लिए उम्मीदों का बस्ता लेकर जा रही है. बस्तर के लिए विकास योजनाओं कि जिन बातों को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार नीति आयोग की बैठक के लिए जा रही है, निश्चित तौर पर बदलते बस्तर के लिए वह बड़ी सौगात होगी. बदलते छत्तीसगढ़ में चल रही बड़ी व्यवस्था की सौगात लेकर इस बार छत्तीसगढ़ नीति आयोग की बैठक में होगा. नक्सल प्रभावित वैसे राज्यों के लिए छत्तीसगढ़ बहुत बड़ी सौगात के साथ अपनी बात रखेगा. क्योंकि छत्तीसगढ़ के खाते में माओवादियों के सबसे बड़े कमांडर को ढेर करने की सौगात झोली आ गई है.
नक्सल जंग पर बात: पूरे देश में छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा नक्सल प्रभावित इलाका है. नक्सलियों की सफाये को लेकर कार्य भी किया जा रहा है. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ में 21 मई को हुए बड़े एनकाउंटर में बसव राजू का मारा जाना नक्सली इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी घटना और नक्सलियों के सफाए के लिए चल रही योजना का बड़ा कदम बन गया है. निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके के विकास के लिए बाधा बने नक्सली और माओवादियों का गढ़ जैसे जैसे टूट रहा है, बस्तर में विकास की नई उम्मीदें पैदा हो रही हैं. इसी बात को लेकर इस बार छत्तीसगढ़ की सरकार नीति आयोग की बैठक में जाएगी. बस्तर के विकास को कैसे आगे बढ़ाया जा सकता है इसपर खाका खीचा जाए. क्योंकि माओवादियों के खात्मे के बाद बस्तर का विकास सरकार की पहली प्राथमिकता में शामिल है.
कई बड़े मुद्दे हैं, खाते में आता है क्या: बस्तर के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार कई बड़ी योजनाओं को लेकर नीति आयोग की बैठक में जा रही है. जानकारी के अनुसार माओवादियों के खिलाफ चल रही लड़ाई के बाद बस्तर का विकास सरकार की प्राथमिकता में है. जिसमें बस्तर क्षेत्र में कुछ योजनाओं पर तेजी से काम करने के लिए नीति आयोग के समक्ष बात को रखा जाएगा.
नीति आयोग की बैठक में इन मुद्दों पर होगा फोकस
छत्तीसगढ़ की सरकार बस्तर में पर्यटन विकास पर जोर दे रही है और पर्यटन को लेकर के जो भी संभावनाएं विकसित की जा सकती हैं. इस बार उसे नीति आयोग की बैठक में रखा जाएगा.
बस्तर के गांव को शहर से जोड़ने के लिए सड़क विकास की योजना पर भी काम किया जाना है. इसको लेकर के भी नीति आयोग की बैठक में चर्चा होगी.
बस्तर में शिक्षा का स्तर माओवादियों के कारण काफी नीचे गया है. कई स्कूलों को नक्सली बम से पहुंचा चुके हैं नुकसान. नीति आयोग की बैठक में इसपर भी चर्चा संभव है.
बस्तर इलाके में अभी भी मोबाइल नेटवर्क काफी कमजोर है. लोगों तक मोबाइल नेटवर्क को पहुंचने को लेकर के भी चर्चा होनी है.
डिजिटल भारत की जिस कल्पना को लेकर सरकार चल रही है वह बस्तर तक पहुंचती है तो निश्चित तौर पर विकास काफी तेज होगा. बैठक में यह मुद्दा शामिल है.
बस्तर तक रेल परियोजना को पहुंचाने के लिए काम किया जा रहा है. इसमें एक बड़ी परियोजना को मंजूरी मिली है. रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए भी तेजी से काम हो इसे भी नीति आयोग की बैठक में छत्तीसगढ़ की सरकार रख सकती है.
बस्तर के जंगलों में पैदा होने वाले वन उपज को बाजार मिले इसकी ब्रांडिंग हो इस बात को भी नीति आयोग की बैठक में रखा जाएगा.
31 मार्च 2026 तक नक्सली आतंक के सफाए को लेकर जो बात हो रही है उसपर मजबूत रणनीति पर सरकार चले इसपर भी चर्चा होगी.
सीएम विष्णु देव साय ने क्या कहा: नीति आयोग की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा की सरकार नीति आयोग की बैठक के लिए अपने मुद्दे और जिन चीजों पर काम होना है उसकी चर्चा जरूर होगी. छत्तीसगढ़ में विकास के कई काम चल रहे हैं जो केंद्र सरकार के सहयोग से यहां पर हुआ है. आगे भी उसे काम को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा.
बस्तर और माओवाद होंगे मुख्य मुद्दे: मुख्यमंत्री से यह पूछे जाने पर की क्या नीति आयोग की बैठक में बस्तर से जुड़ा हुआ कोई मुद्दा रखा जाएगा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अभी देश के लिए सबसे बड़ी चुनौती और सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. सीएम ने कहा कि निश्चित तौर पर बस्तर के विकास के लिए केंद्र सरकार के समक्ष कई बातें रखी जाएंगे. साथ ही नीति आयोग की बैठक में भी मुद्दों के साथ बातों को रखा जाएगा ताकि माओवादियों के सफाए के साथ ही बस्तर में विकास की चीजों को आगे बढ़ाया जा सके. बस्तर के लोगों को सहूलित दी जा सके. आम लोगों की सहायता के लिए उनके विकास के लिए बस्तर को व्यवस्थित करने के लिए जो भी काम करना होगा हमारी सरकार करेगी साथ ही उसके लिए हम नीति आयोग में अपने पक्ष को रखेंगे.
मुद्दे जो रखे जा सकते हैं
टाटा ने लोहानीगोड़ा में लगाना था प्लांट पर किसानों का मुआवजा टाटा से वापस हो गया है.
पर्यटन के विकास पर जोर.
सड़क के विकास पर जोर.
शिक्षा के विकास पर जोर.
मोबाइल नेटवर्क को मजबूत करना.
रेल लाइन बस्तर तक पहुंचाना.
बैलाडीला की पहाड़ी पर खनिज को निकालने की योजना.
कर्रागुट्टा मंदिर को चालू करके पर्यटन को मजबूत करना.
वनोपज को बाजार देने के लिए होगी मांग.
माओवाद के खात्मे की डेडलाइन: 31 मार्च 2026 तक नक्सली आतंक के सफाए को लेकर जो केंद्र और राज्य काम कर रहे हैं. उसपर मजबूती से आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने पर बात होगी.