नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित अपने आवास पर बड़ी बैठक बुलाई. मीटिंग में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान भी मौजूद रहे. यह बैठक 7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा किए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान के साथ बढ़े तनाव के दिनों के बाद हो रही है.
ऑपरेशन सिंदूर के तहत 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में 9 आतंकी ढांचे को निशाना बनाया गया था, जिसमें 26 पर्यटकों की जान चली गई थी. इस बीच, भारत और पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर एक समझौता किया है, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपना दृढ़ और अडिग रुख जारी रखेगा.
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “भारत और पाकिस्तान ने आज गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने पर एक समझौता किया है. भारत ने लगातार सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ एक दृढ़ और अडिग रुख बनाए रखा है… यह ऐसा करना जारी रखेगा. मंत्री की टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ द्वारा इस बात पर सहमत होने के बाद आई है कि दोनों पक्ष सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे.
इससे पहले, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने मीडिया को बताया कि,पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक (DGMO) ने शनिवार को भारतीय DGMO को फोन किया. उनके बीच यह सहमति बनी कि दोनों पक्ष जमीन, हवा और समुद्र में सभी तरह की गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद कर देंगे और इस सहमति को लागू करने के लिए दोनों पक्षों को निर्देश दिए गए हैं.
उन्होंने कहा कि, सैन्य संचालन महानिदेशक 12 मई को फिर से बात करेंगे. हालांकि, भारत ने शनिवार को कहा कि पाकिस्तान ने गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए दिन में दोनों देशों के DGMO के बीच बनी सहमति का उल्लंघन किया है और भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई की. एक विशेष ब्रीफिंग में, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि, भारत “इन उल्लंघनों को बहुत गंभीरता से लेता है.
बता दें कि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को घोषणा की कि भारत और पाकिस्तान ‘‘तत्काल और पूर्ण’’ संघर्षविराम पर सहमत हो गए हैं. उन्होंने साथ ही दावा किया कि ऐसा अमेरिका की मध्यस्थता वाली वार्ता के कारण संभव हो सका है. अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे अमेरिका की मध्यस्थता वाला संघर्षविराम बताया तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की शांति का मार्ग चुनने के लिए उनके विवेक और राजनीतिक सूझबूझ की सराहना की.
अमेरिका की मध्यस्थता से संघर्षविराम ऐसे समय में हुआ है जब भारत और पाकिस्तान की सेनाओं द्वारा एक-दूसरे के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया जा रहा था, जिससे संघर्ष गंभीर रूप से बढ़ गया था. अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ‘ट्रुथ सोशल’ पर एक पोस्ट में घोषणा की, ‘‘अमेरिका की मध्यस्थता में पूरी रात चली बातचीत के बाद, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और पाकिस्तान ‘तत्काल और पूर्ण संघर्षविराम’ पर सहमत हो गए हैं. ट्रंप ने कहा कि, दोनों देशों को समझदारी और विवेक का इस्तेमाल करने के लिए बधाई. इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद.
दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव काफी बढ़ गया था, जब भारतीय सशस्त्र बलों ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर बुधवार को कार्रवाई की थी. इस हमले के तार सीमा पार से जुड़े थे. पहलगाम में हुए हमले 26 लोग मारे गये थे जिनमें ज्यादातर पर्यटक शामिल थे. पाकिस्तान ने शुक्रवार को लगातार दूसरी रात जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक भारत में 26 स्थानों को निशाना बनाकर ड्रोन हमले किए. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हवाई अड्डों और वायु सेना ठिकानों सहित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के दुश्मन के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल कर दिया गया था.