नई दिल्ली : अभिनेत्री और मॉडल पूनम पांडे को लेकर शुक्रवार को खबर आई थी कि उनका निधन हो गया। हालंकि, शनिवार को पूनम खुद सामने आईं और कहा कि वे जिंदा हैं। विवादों में रहने वालीं पूनम पांडे ने कैंसर जागरूकता के नाम पर ये जो कुछ किया, उससे सोशल मीडिया पर एक नई बहस छिड़ गई है। हर कोई उनके इस करनामे की कड़ी आलोचना कर रहा है। ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने मॉडल-अभिनेता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है। इसके बाद अब विवादास्पद अभियान के लिए जिम्मेदार एजेंसी श्बांग ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक माफी जारी की।
श्बांग के आधिकारिक हैंडल ने पूनम पांडे के इस पब्लिसिटी स्टंट को लेकर माफी पोस्ट साझा किया है। इसमें लिखा है, ‘हां, हम हॉटरफ्लाई के सहयोग से सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने की पूनम पांडे की पहल में शामिल थे। इसके लिए हम दिल से माफी मांगना चाहेंगे। विशेष रूप से उन लोगों के प्रति जो किसी भी प्रकार के कैंसर की कठिनाइयों का सामना करने और किसी प्रियजन के कारण उत्पन्न हुए हैं।’
पोस्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि उनके विवादास्पद कदम का उद्देश्य भारत में चिंताजनक आंकड़ों का हवाला देते हुए सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। साझा किए गए पोस्ट में लिखा, ‘हमारे कार्य एक अद्वितीय मिशन द्वारा संचालित थे। सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता बढ़ाना। 2022 में, भारत में 123,907 सर्वाइकल कैंसर के मामले और 77,348 मौतें दर्ज की गईं। स्तन कैंसर के बाद, सर्वाइकल कैंसर भारत में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं को प्रभावित करने वाली दूसरी सबसे अधिक घातक बीमारी है।’
कंपनी ने आगे जानकारी दी कि पूनम पांडे की मां कैंसर से जूझ चुकी हैं और इसलिए वह इस बीमारी के प्रभाव को जानती हैं। कंपनी ने लिखा, ‘आपमें से बहुत से लोग अनजान होंगे, लेकिन पूनम की अपनी मां ने कैंसर से बहादुरी से लड़ाई लड़ी है। इतने करीबी व्यक्तिगत जीवन में इस तरह की बीमारी से लड़ने की चुनौतियों से गुजरने के बाद, वह रोकथाम के महत्व और जागरूकता की गंभीरता को समझती हैं। खासकर जब टीका उपलब्ध हो। सर्वाइकल कैंसर के बारे में लोगों की जिज्ञासा में कोई बदलाव नहीं आया। जब हमारे माननीय वित्त मंत्री ने कुछ दिन पहले ही केंद्रीय बजट के दौरान इसका उल्लेख किया था।’
पीआर कंपनी ने आगे कहा, ‘पूनम के इस कदम के
परिणामस्वरूप अब ‘सर्वाइकल कैंसर’ और इससे संबंधित शब्द गूगल पर सबसे अधिक खोजा जाने वाला विषय बन गया है। इस देश के इतिहास में यह पहली बार है कि ‘सर्वाइकल कैंसर’ शब्द एक हजार से अधिक बार सुर्खियों में है। फिर भी हम उन लोगों से गहराई से क्षमा चाहते हैं जो इस पहल के कारण आहत हुए होंगे। हम समझते हैं कि हमारे तरीकों ने दृष्टिकोण के बारे में बहस छेड़ दी होगी। हालांकि हमें किसी भी परेशानी के लिए खेद है, लेकिन अगर इस कदम के परिणामस्वरूप बहुत आवश्यक जागरूकता फैलती है और मौतों को रोका जा सकता है, तो यह इसका वास्तविक प्रभाव होगा।’