मध्यप्रदेश:- भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने सोमवार को मुंबई स्थित सर्वोदय सहकारी बैंक की बिगड़ती वित्तीय स्थिति के मद्देनजर उसपर कई अंकुश लगाए. इसमें ग्राहकों पर अपने खातों से निकासी की सीमा 15,000 रुपये लगाई गई है. पात्र जमाकर्ता, केवल जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम डीआईसीजीसी से अपनी जमा राशि की पांच लाख रुपये तक की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने के हकदार होंगे.
बैंक पर क्या अंकुश लगाए गए हैं-
सर्वोदय सहकारी बैंक पर बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 35ए के तहत निर्देशों के रूप में अंकुश सोमवार 15 अप्रैल, 2024 को कारोबार की समाप्ति से लागू हो गए हैं. अब सर्वोदय सहकारी बैंक रिजर्व बैंक की पूर्व मंजूरी के बिना कोई कर्ज और एडवांस नहीं दे सकेगा और न ही उनका रीन्यूवल हो सकेगा. इसके अलावा वह कोई निवेश नहीं कर पाएगा, कोई दायित्व नहीं ले सकता है, या कोई भुगतान नहीं कर सकता है, चाहे वह अपनी देनदारियों और दायित्वों के निर्वहन के रूप में हो.
आरबीआई ने अपने एक्शन पर क्या कहा
केंद्रीय बैंक ने कहा, विशेष रूप से, सभी बचत बैंक या चालू खातों या जमाकर्ता के किसी अन्य खाते में कुल शेष राशि में से 15,000 रुपये से अधिक की राशि निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि जारी दिशानिर्देशों को रिजर्व बैंक द्वारा बैंकिंग लाइसेंस रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए.
आरबीआई लगातार लेता रहता है एक्शन
पिछले हफ्ते भी 8 अप्रैल को आरबीआई ने महाराष्ट्र के शिरपुर मर्चेंट्स कोऑपरेटिव बैंक पर कार्रवाई करते हुए बैंक की निकासी सेवाओं पर रोक लगा दी थी. बैंक के वित्तीय हालात को देखते हुए केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया था. आरबीआई के आदेश के बाद से बैंक में मौजूद चालू खाता या सेविंग खाता किसी से भी ग्राहकों को पैसे की निकासी करने की परमिशन नहीं है.