संवाददाता अखिलेश द्विवेदी
रायगढ़।
स्टील नगरी रायगढ़ को नई पहचान देने में जिंदल स्टील एंड पावर (JSP) और इसके एग्जिक्युटिव डायरेक्टर सब्यसाची बंद्योपाध्याय का अहम योगदान है। उनके नेतृत्व में उद्योग ने न केवल उत्पादन में ऊँचाइयाँ हासिल की हैं, बल्कि समाज, शिक्षा, स्वास्थ्य और खेल के क्षेत्र में भी नई मिसाल कायम की है।
करीब तीन दशक के वैश्विक अनुभव के साथ 2015 में JSP से जुड़े बंद्योपाध्याय ने रायगढ़ यूनिट में उद्योग और समाज को साथ लेकर चलने की सोच विकसित की। इसी का नतीजा है कि संयंत्र में 83 प्रतिशत ठोस अपशिष्ट का पुनः उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की गई।

युवाओं को खेलों से जोड़ने के लिए 2023 में बोइरदादर स्टेडियम का जीर्णोद्धार कराया गया। 2.5 करोड़ की लागत से बने इस स्टेडियम में बैडमिंटन, बास्केटबॉल, टेबल टेनिस, जिम और स्विमिंग पूल जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
महिला शिक्षा और सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया। दिसंबर 2022 में JSP फाउंडेशन ने 5100 से अधिक छात्राओं और महिलाओं को उच्च शिक्षा व कौशल विकास के लिए सहयोग दिया। वहीं किसानों के लिए “जिंदल वेट सेवा” नामक पशु-एम्बुलेंस शुरू की गई, जो गांव-गांव जाकर पशुओं का उपचार कर रही है।
स्थानीय छात्रा प्रिया मिश्रा का कहना है, “JSP की मदद से मेरी पढ़ाई पूरी हो सकी।” किसान बंसीलाल यादव बताते हैं, “अब पशुओं का इलाज गांव में ही हो जाता है।”
राष्ट्रीय स्तर पर भी JSP रायगढ़ ने अपनी छाप छोड़ी है। 2025 की तिमाही रिपोर्ट में रायगढ़ यूनिट की उपलब्धियों का उल्लेख हुआ, जिसे बंद्योपाध्याय ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर साझा किया।
आज रायगढ़ केवल स्टील नगरी नहीं, बल्कि खेल, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण का केंद्र बन चुका है। इसमें सबसे बड़ी भूमिका है जिंदल स्टील एंड पावर और इसके नेतृत्वकर्ता सब्यसाची बंद्योपाध्याय की।