वर्ल्ड कप 2023 की ट्रॉफी को उठाने से टीम इंडिया बस एक कदम दूर है। सेमीफाइनल में टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड को 70 रन से मात देकर फाइनल में एंट्री कर ली। 19 नवंबर को रोहित शर्मा की पलटन नरेंद्र मोदी स्टेडियम में फाइनल मुकाबले के लिए तैयार है।
चलिए आइए एक बार नजर डालें कि पिछले 40 सालों में वर्ल्ड कप टूर्नामेंट के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम का सफर कैसा रहा है।
साल 1983- भारत बनाम वेस्टइंडीज- लॉर्ड्स, इंग्लैंड
कपिल देव की अगुवाई में पहली बार भारतीय टीम विश्वकप के फाइनल में पहुंची। मैच की बात करें तो पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने 54.4 ओवर में 183 रन जोड़ने में कामयाब हुए। कृष्णम्माचारी श्रीकांत ने 38 रन और मोहिंदर अमरनाथ ने 26 रन बनाए।
इसके बाद भारतीय टीम गेंदबाजी करने उतरी और वेस्टइंडीज को 52 ओवर में 140 रन पर ही ऑल आउट कर दिया। इस मैच में मोहिंदर अमरनाथ और मदन लाल ने तीन-तीन विकेट चटकाए। वेस्टइंडीज की ओर से विव रिचर्ड्स ने 28 गेंदों पर 33 रन की पारी खेली थी। इस जीत ने भारत में क्रिकेट की क्रेज काफी बढ़ गई।
साल 2003- भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया- जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका
वर्ल्ड कप 2003 में सौरव गांगुली की अगुवाई में टीम इंडिया ने टूर्नामेंट में कमाल का प्रदर्शन किया। फाइनल में टीम इंडिया का सामना रिकी पोंटिंग की अगुवाई वाली ऑस्ट्रेलिया टीम से हुआ। इस मैच में कंगारू टीम का पलड़ा काफी भारी दिखा।
कप्तान रिकी पोंटिंग ने 121 गेंदों पर चार चौकों और आठ छक्कों की मदद से नाबाद 140 रन की पारी खेली। वहीं, डेमियन मार्टिन ने 88 रन की पारी खेली। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 234 पर की नाबाद साझेदारी जड़ थी। 50 ओवर के खेल समाप्त होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 359 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
इस विशाल स्कोर का पीछा करने में भारतीय टीम नाकामयाब रही। सचिन तेंदुलकर महज चार बनाकर आउट हो गए। सौरव गांगुली भी महज 24 रन बनाकर आउट हो गए। युवराज सिंह ने 24 और राहुल द्रविड़ ने 47 रन की पारी खेली। टीम इंडिया 234 रन पर ऑल आउट हो गई। हालांकि, इस टूर्नामेंट में सचिन ने 11 मैचों में 61.18 के औसत से 673 रन बनाए। इस शानदार खेल के लिए उन्हें गोल्ड बैट प्रदान किया गया।
साल 2011- भारत बनाम श्रीलंका- वानखेड़े स्टेडियम, मुंबई
वर्ल्ड कप 2011 का फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारत और श्रीलंका के बीच खेला गया। इस मैच को भारत ने छह विकेट से जीतकर वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर दूसरी बार कब्जा किया। मैच की बात करें तो इस मैच में श्रीलंका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया।
श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 88 गेंदों पर 13 चौकों की मदद से 103 रन बनाए। वहीं, तिलकरत्ने दिलशान ने 33 रन और कुमार संगकारा ने 48 रन की पारी खेली। थिसारा परेरा ने नाबाद 22 रन की पारी खेली। श्रीलंका ने 274 रन का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया।
इस विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए टीम इंडिया को शुरुआती झटका सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग के रूप में लगा। हालांकि, इसके बाद विराट कोहली और गौतम गंभीर ने पारी को संभाला। दोनों के बीच 83 रनों की साझेदारी बनी। इस मैच में विराट ने 35 रन बनाए।
वहीं, गौतम गंभीर ने 97 रन की पारी खेली। विराट कोहली के आउट होने के बाद एम एस धोनी ने बल्लेबाजी की जिम्मेदारी संभाली। एम एस धोनी ने नाबाद 97 रन और युवराज सिंह ने नाबाद 21 रन की पारी खेली। टीम इंडिया ने इस मैच को छह विकेट से जीत लिया।