छत्तीसगढ़ : सलाखों के पीछे कैद भाइयों की कलाइयां सुनी नहीं होगी। बहने जेल में ही अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी सलाखों के पीछे कैद भाई अपने बहनों के साथ धूमधाम से रक्षा बंधन का त्यौहार मना सकेंगे।
सलाखों के पीछे कैद भाइयों की कलाइयां सुनी नहीं होगी। बहने जेल में ही अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी सलाखों के पीछे कैद भाई अपने बहनों के साथ धूमधाम से रक्षा बंधन का त्यौहार मना सकेंगे। रायपुर केंद्रीय जेल समेत छत्तीसगढ़ के सभी जेलों में रक्षा बंधन का त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके लिए नियम भी लागू किया गया है। साथ ही सुरक्षा के भी कड़ी इंतजाम किया गया है।
दरअसल, रक्षा बंधन के पर्व पर जेलों में भारी भीड़ होने की वजह से नियमों का उल्लंघन होता है। जेल में लगी भीड़ को नियंत्रित करने में जेल प्रशासन के पसीने छूट जाते हैं। ऐसे में नियम भी लागू किया गया है। साथ ही सुरक्षा के भी कड़ी इंतजाम किया गया है। त्यौहार को देखते हुए जेल प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी। सुरक्षा को लेकर व्यवस्थाएं भी की जा रही है।
जेल मुख्यालय ने जेल में रक्षा बंधन त्यौहार का आयोजन की अनुमति दे दी है। इसके बाद से तैयारियां शुरू हो गई है। कैदियों को राखी बांधने के लिए आने वाली उनकी बहनों और स्वजनों की संख्या, आयोजन पर होने वाले व्यय, सुरक्षा की व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है। अपने भाइयों के लिए बहनों को 100 ग्राम सूखी मिठाई और राखी लाने की अनुमति है। सूखी मिठाई और राखी की जांच के बाद ही बहनों को जेल अंदर जाने की अनुमति है, बिना जांच के अंदर नहीं जा सकते। इसके साथ ही जेल के भीतर बंदी के परिवार के तीन लोगों को ही मिलने की अनुमति होगी।