अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान-पान की वजह से कई लोग दिल से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित हैं. पिछले कुछ समय से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी चिंता का विषय बनी हुई है. एक समय था जब बुजुर्गों में हार्ट अटैक की समस्या आम थी, लेकिन आज युवा और बच्चे भी हार्ट अटैक की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं.इस बीच मेडिकल साइंस के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए चीन के वैज्ञानिकों ने स्ट्रोक और दिल के दौरे जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम के लिए एक संभावित वैक्सीन डेवलप करने का दावा किया है. बता दें, यह वैक्सीन एथेरोस्क्लेरोसिस यानी धमनियों में फैटी प्लाक के प्रोडक्शन को रोकने में कारगर साबित हो सकती है, जो खून के थक्के बनने, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी स्थितियों के लिए जिम्मेदार मानी जाती है.
क्या होता है एथेरोस्क्लेरोसिसएथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर की धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के जमाव के कारण प्लाक बनता है. यह प्लाक धीरे-धीरे धमनियों को संकीर्ण कर देता है, जिससे ब्लड फ्लो बाधित होता है. इसके कारण व्यक्ति को स्ट्रोक, एन्यूरिज्म और दिल के दौरे जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह एक सूजन संबंधी बीमारी है, जिसे शरीर की जन्मजात और अनुकूली प्रतिरक्षा प्रणाली कंट्रोल करने का प्रयास करती है. इससे दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है. जीवनशैली में बदलाव, जैसे धूम्रपान बंद करना, स्वस्थ भोजन करना और नियमित रूप से व्यायाम करना, एथेरोस्क्लेरोसिस को और खराब होने से रोकने में मदद कर सकता है.एथेरोस्क्लेरोसिस के कारण65 वर्ष से अधिक उम्र होनाधूम्रपान करनाहाई कोलेस्ट्रॉल होनाहाई ब्लड प्रेशर होनापरिवार में हृदय संबंधी बीमारी हिस्ट्री होनाएथेरोस्क्लेरोसिस के लक्षणसीने में दर्दहाथों और पैरों में दर्द, खासकर व्यायाम करते समयसांस फूलनाहर समय थकावट महसूस होनाकमजोरी महसूस होनाभ्रमित महसूस करना
नया टीका कैसे काम करता है?लंबे समय से यह सिद्धांत प्रचलित है कि वैक्सीनेशन का इस्तेमाल रोग के इलाज या रोकथाम के लिए किया जा सकता है. नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित एक नए अध्ययन में एक वैक्सीन का वर्णन किया गया है जो चूहों में एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को कम कर सकता है. चीन के नानजिंग यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने लिखा कि हमारा नैनोवैक्सीन डिजाइन और प्रीक्लिनिकल डेटा एथेरोस्क्लेरोसिस के रोगनिरोधी उपचार (Prophylactic treatment) के लिए एक संभावित उम्मीदवार प्रस्तुत करता है. पिछले अध्ययनों से विभिन्न प्रकार के प्रोटीनों की एक डिजिटल लाइब्रेरी बनाने में मदद मिली है जो सूजन से रक्षा करते हैं और एथेरोस्क्लेरोसिस के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाते हैं. ऐसा ही एक प्रोटीन है जिसे p210 कहा जाता है. यह एथेरोस्क्लेरोसिस की प्रगति के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सक्रिय करने के लिए पाया गया है, और इसी का उपयोग नई वैक्सीन में किया गया है
.यह टीका p210 प्रतिजन को Micro-Iron ऑक्साइड नैनोकणों पर चिपका देता है, और एक सहायक पदार्थ – जो टीके की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ाने के लिए उपयोग किया जाता है – को नैनोकणों के एक अलग समूह से जोड़ देता है. अध्ययन में बताया गया है कि टीके के “कॉकटेल” डिजाइन ने हाई कोलेस्ट्रॉल आहार वाले चूहों में प्लाक प्रगति और एथेरोस्क्लेरोसिस के विकास को कम किया. इसने शरीर को प्रतिजन और सहायक पदार्थ ग्रहण करने में मदद की, जिससे प्रतिरक्षा प्रणाली की तारा-आकार की डेंड्राइटिक कोशिकाएं सक्रिय हो गईं. टीके के कारण होने वाले परिवर्तनों के परिणामस्वरूप अंततः p210 के विरुद्ध एंटीबॉडी का उत्पादन शुरू हो गया.
आगे और अधिक शोध की जरूरतशोधकर्ताओं ने लिखा है कि हमारे निष्कर्ष दर्शाते हैं कि दो-आयामी नैनोवैक्सीन वितरण रणनीति एथेरोस्क्लेरोसिस के खिलाफ प्रभावी है. वे यह समझने के लिए आगे और अध्ययन करने की आशा रखते हैं कि नैनो वैक्सीन कितने समय तक चूहों को एथेरोस्क्लेरोसिस से बचाती है.






