नई दिल्ली : सौर मंडल में कई ग्रह हैं, जिनके पास अपना चंद्रमा हैं। इनमें से कुछ ग्रहों के पास कई चंद्रमा है, हालांकि पृथ्वी के पास सिर्फ एक चांद है। हालांकि, दो महीने के लिए धरती के पास दो चंद्रमा होंगे। यह एक बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना है। आसमान में दिखने वाले चंद्रमा की तरह यह नहीं होगा, बल्कि यह एक एस्टेरॉयड है। छोटा चांद बनाने वाले इस एस्टेरॉयड का नाम 2024 PTS है, जो पृथ्वी का दो महीने तक चक्कर लगाएगा। यह एक मिनी मून है और अंतरिक्ष में अपनी लंबी यात्रा पर है। लेकिन गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रभाव से धरती का चक्कर लगाएगा।
एस्टेरॉयड्स के बेल्ट का नाम अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट है। यह धरती और सूरज के बीच स्थित है। यहां से निकलने के बाद वह सीधे अपनी जगह पर जाएगा। सूरज से 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर यह बेल्ट है। करीब उतनी ही दूरी जितनी धरती की सूरज से है।
वैज्ञानिकों ने 7 अगस्त 2024 को इस एस्टेरॉयड की खोज की थी, जिसका व्यास करीब 10 मीटर है। 29 सितंबर से 25 नवंबर तक इस पर पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव रहेगा। इस अवधि के दौरान यह एस्टेरॉयड पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, लेकिन एक चक्कर नहीं लगा पाएगा। यह 25 नवंबर 2024 के बाद यह धरती के गुरुत्वाकर्षण से बाहर चलेगा और फिर सूर्य का चक्कर लगाएगा।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मैड्रिड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर कार्लोस डेला फ्यूएंटे मार्को ने बताया है कि अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट की दिशा अलग है। इस बेल्ट में मौजूद एस्टेरॉयड आमतौर पर नीयर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स हैं, जिनमें कुछ धरती के बेहद पास आ जाते हैं। करीब यह 45 लाख किलोमीटर की दूरी तक आ जाते हैं। इनकी गति 3540 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है।
मिनी मून को खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता है। पृथ्वी से इसे साधारण टेलिस्कोप या दूरबीन से नहीं देख सकते हैं। इसे देखने के लिए कम से कम 30 इंच डायमीटर वाला सीसीडी या सीएमओएस डिटेक्टर टेलिस्कोप चाहिए। द रिसर्च नोट्स ऑफ द एएएस जर्नल में इस मिनी-मून को लेकर रिपोर्ट प्रकाशित की गई है।
पृथ्वी के पास मिनी-मून की घटनाएं दो प्रकार की होती हैं। पहला कोई वस्तु आकर धरती की ग्रैविटी में फंस जाती है और एक दो साल बाहर नहीं जा पाती है। पृथ्वी का चक्कर लगाता रहता है। दूसरा यह है कि कम समय के लिए कोई एस्टेरॉयड आए और धरती का एक चक्कर या आधा चक्कर लगाकर निकल जाए। यह कुछ दिनों या सप्ताह के लिए हो सकता है।