नई दिल्ली : हमारा स्वास्थ्य कैसा होगा यह काफी हद तक हमारे आहार की पौष्टिकता पर निर्भर करता है। यही कारण है कि बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी लोगों को नियमित रूप से पोषक तत्वों से भरपूर चीजों के सेवन की सलाह दी जाती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, इन सबके अलावा महिलाओं को कई कारणों से अपने आहार पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए। माहवारी और हार्मोनल असंतुलन के कारण होने वाली जटिलताओं से बचे रहने के लिए सभी महिलाओं के लिए भोजन में पौष्टिक चीजों को शामिल करना आवश्यक हो जाता है।
हमारे दैनिक जीवन में पोषण के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से सितंबर महीने को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। आइए पोषण विशेषज्ञ से समझते हैं कि महिलाओं को नियमित रूप से किन पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और इसकी पूर्ति कैसे की जा सकती है?
क्या कहती हैं पोषण विशेषज्ञ?
नोएडा स्थित एक अस्पताल में डायटीशियन पूजा शर्मा बताती हैं, उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं को कई प्रकार की स्वास्थ्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। मासिक धर्म और गर्भावस्था से लेकर स्तनपान और रजोनिवृत्ति तक शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते रहते हैं। ये कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इन परेशानियों से बचे रहने के लिए जरूरी है कि आप अपने आहार की पौष्टिकता पर विशेष ध्यान देती रहें।
भारतीय महिलाओं में आयरन की कमी एक बड़ी समस्या रही है। भोजन की थाली में कुछ चीजों को शामिल करके आप शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति कर सकती हैं।
भोजन में जरूर हो आयरन की मात्रा
रक्त को शरीर में ऑक्सीजन ले जाने के लिए आयरन की आवश्यकता होती है। मासिक धर्म के कारण महिलाओं में पुरुषों की तुलना में आयरन की कमी होने का खतरा अधिक होता है। गर्भावस्था और प्रसव के कारण भी आयरन की कमी हो सकती है। आयरन की कमी एनीमिया का कारण बनती है जिससे आपको अक्सर कमजोरी-थकान, सांस की समस्या के साथ धड़कनों में अनियमितता का जोखिम रहता है।
आहार से आयरन की पूर्ति के लिए सीमित मात्रा में रेड मीट के साथ पालक, पत्तेदार सब्जियां, मेवे, सीड्स का सेवन करना चाहिए।
विटामिन बी बहुत जरूरी
महिलाओं के लिए विटामिन-बी वाली चीजों का नियमित सेवन करना भी बहुत जरूरी है। विटामिन-बी कोशिकाओं के विकास और कार्यों के लिए महत्वपूर्ण है। यह पोषक तत्वों को ऊर्जा में भी परिवर्तित करता है। विटामिन बी6 महिलाओं में एनीमिया को रोकने और उसके इलाज करने में मदद करता है। इसी तरह विटामिन बी9 गर्भवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण विटामिन है। बी12 महिलाओं में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण और एनीमिया की रोकथाम में भी मदद करता है।
आहार में दही, लो फैट वाला दूध, पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थ, पनीर, अंडे और चिकन को जरूर शामिल किया जाना चाहिए।
विटामिन डी और कैल्शियम
50 की उम्र के बाद महिलाओं में हड्डियों से संबंधित समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। इन समस्याओं से बचाव के लिए आहार में विटामिन-डी और कैल्शियम वाली चीजों को जरूर शामिल करें। विटामिन-डी भोजन से कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। कैल्शियम हड्डियों और दांतों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है।
इन पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए संतरे, मशरूम, सोया और डेयरी उत्पादों का नियमित सेवन किया जाना चाहिए।