नई दिल्ली: प्राइवेट नौकरी करने वाले लोग ईपीएफओ की स्कीम के दायरे में आते हैं. इस स्कीम के तहच कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा हर महीने अपने ईपीएफ अकाउंट में कंट्रिब्यूट करता है. वहीं, इतना ही पैसा एंप्लॉयर भी हर महीने कर्मचारी के ईपीएफ अकाउंट में जमा करता है.एंप्लॉयर की ओर कंट्रिब्यूट किए पैसे का बड़ा हिस्सा रिटायरमेंट फंड में जाता है, जबकि दूसरा हिस्सा पेंशन फंड में जमा होता है. यह पैसा रिटायरमेंट फंड के बाद एंप्लॉयी को मिल जाता है. पेंशन फंड में जमा पैसे से रिटायरमेंट के बाद कर्मचारी को हर महीने उसे पेंशन मिलती है.हालांकि, कर्मचारी चाहे तो ईपीएफओ में जमा पैसे कुछ खास परस्थितियो में निकाल भी सकता है. ऐसे में अगर आपको पैसे की जरूरत पड़ जाए तो आप इन हालात में पैसा निकालते है. तो चलिए अब आपको बताते हैं कि आप ईपीएफओ में जमा पैसे को किन परिस्थितियों में निकाल सकते हैं.
घर बनाने या खरीदने के लिएअगर कोई शख्स घर बना रहा है या घर खरीद रहा है तो वह ईपीएफ में जमा पैसे विड्रॉ कर सकता है. इसके लिए कोई भी कर्मचारी 24-36 महीने तक की अपनी बेसिक सैलरी का पैसा ईपीएफ अकाउंट से निकाल सकता है.शादी के लिए विड्रॉकर्माचारी अपनी या अपनी बेटा, बेटी या भाई-बहन की शादी के लिए भी अपने ईपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकता है. कर्मचारी शादी के लिए अपने ईपीएफ अकाउंट में अपने कंट्रिब्यूशन का 50 फीसदी तक पैसा विड्रॉ कर सकता है.इलाज कराने के लिए निकाल सकते हैं पैसाइतना ही नहीं अगर कोई कर्मचारी या उसके परिवार का कोई सदस्य बीमार पड़ जाए तो वह खुद, पत्नी, बच्चों और माता-पिता के इलाज के लिए ईपीएफ में जमा पैसा निकाल सकता है.नौकरी नहीं रहने पर निकाले जा सकते हैं पैसेअगर किसी कर्मचारी के नौकरी चली गई तो वह अपना 75 फीसदी पैसा निकाल सकता हैं.
इसके लिए जरूरी है कर्मचारी को कम से कम एक महीने तक बेरोजगार हो. वहीं, अगर कोई दो महीने या इससे ज्यादा समय तक बेरोजगार रहता है तो वह अपने ईपीएफ अकाउंट में जमा पूरा पैसा निकाला जा सकता है.रिटायरमेंट के बाद विड्रॉलकर्माचारी नौकरी से रिटायर करने के बाद अपने ईपीएफ अकाउंट से पूरा पैसा निकाल सकते हैं. प्राइवेट सेक्टर में रिटायरमेंट की उम्र 58 और 60 साल हैं. हाालंकि, कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं, जो 58 साल में रिटायर तो हो जाते हैं लेकिन पैसे 60 साल की उम्र में विड्रो करते हैं.