नई दिल्ली: भारत में स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव आ रहा है, जिसका केंद्रबिंदु है ‘जन औषधि दिवस’. हर साल 7 मार्च को मनाया जाने वाला यह दिन, जेनेरिक दवाओं के उपयोग को बढ़ावा देने और इस योजना के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है. जन औषधि केंद्र, जो देशभर में फैले हुए हैं, आम नागरिकों को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने जन औषधि दिवस पर कहा कि देश भर में 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र रोजाना 50-90 फीसदी कम कीमत पर दवाएं दे रहे हैं. यह प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के तहत एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने स्वास्थ्य सेवा को सभी के लिए सस्ती और सुलभ बनाने का लक्ष्य रखा है.
30,000 करोड़ रुपये की बचतनड्डा ने बताया कि इन केंद्रों के माध्यम से हर दिन 10 लाख से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है, जिससे नागरिकों को लगभग 30,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. यह एक महत्वपूर्ण आंकड़ा है जो दर्शाता है कि यह योजना आम आदमी के लिए कितनी फायदेमंद साबित हो रही है.पीएमबीजेपी: एक जन कल्याणकारी योजनापीएमबीजेपी एक जन कल्याणकारी योजना है, जिसे नवंबर 2008 में लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य आम लोगों को सस्ती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाइयां उपलब्ध कराना है. इस योजना को फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (पीएमबीआई) के माध्यम से कार्यान्वित किया जा रहा है.गुणवत्ता और स्थिरतायह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जन औषधि केंद्र कड़ी गुणवत्ता जांच, प्रतिस्पर्धी खरीद और पीएमबीआई द्वारा प्रबंधित मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के माध्यम से स्थिरता बनाए रखते हैं.
इससे यह सुनिश्चित होता है कि नागरिकों को जो दवाइयां मिल रही हैं, वे उच्च गुणवत्ता वाली हैं और उन पर भरोसा किया जा सकता है.25,000 जन औषधि केंद्र खोलने की योजनासरकार सस्ती स्वास्थ्य सेवा को और अधिक सुलभ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इसी दिशा में काम करते हुए, 31 मार्च, 2027 तक देश भर में 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने की योजना है.पिछले 10 वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धिरसायन और उर्वरक मंत्रालय के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 180 गुना वृद्धि हुई है और बिक्री में भी 200 गुना वृद्धि देखी गई है. यह इस योजना की सफलता और लोकप्रियता का प्रमाण है.बिक्री और बचत के आंकड़ेवित्तीय वर्ष 2023-24 में, पीएमबीजेपी ने 1,470 करोड़ रुपये (एमआरपी पर) की बिक्री की, जिससे नागरिकों को लगभग 7,350 करोड़ रुपये की बचत हुई.
28 फरवरी तक 1,760 करोड़ रुपये (एमआरपी पर) की बिक्री हुई है.सप्ताह भर चलने वाला उत्सवजन औषधि दिवस को एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव के रूप में मनाया जाता है. इस दौरान, पीएमबीजेपी को बढ़ावा देने के लिए रथ और वाहनों को हरी झंडी दिखाने, जन आरोग्य मेला, वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य शिविर, बच्चों की भागीदारी, न्यूट्रास्युटिकल उत्पादों का वितरण, सैनिटरी पैड वितरण, फार्मासिस्ट जागरूकता सेमिनार और जन औषधि मित्र स्वयंसेवक पंजीकरण अभियान जैसी कई गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं.