ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक तीन दिनों की भारत की यात्रा पर हैं। मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना और व्यापार तथा रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीके दौरे के अहम एजेंडे हैं।अरब देश ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक इन दिनों भारत की यात्रा पर हैं। सुल्तान का यह दौरा तीन दिन का है। शनिवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
सुल्तान हैथम बिन तारिक शुक्रवार को नई दिल्ली पहुंचे हैं। उनकी इस यात्रा से भारत और ओमान के बीच की मित्रता और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूती मिलने की उम्मीद है। ओमान अरब दुनिया का सबसे पुराना स्वतंत्र राज्य है जिसके सुल्तान तारिक पहली बार भारत के दौरे पर हैं।आइये जानते हैं कि ओमान के सुल्तान के भारत दौरे का कार्यक्रम क्या है? सुल्तान के दौरे का एजेंडा क्या है? दोनों देशों के रिश्ते कैसे रहे हैं?
ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक की भारत यात्रा शुक्रवार को शुरू हुई। दौरे के पहले दिन सुल्तान ने भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात की। इस दौरान दोनों देशों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि विदेश मंत्रालय भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने में सुल्तान के सुझावों को महत्व देता है।वहीं, यात्रा के दूसरे दिन सुल्तान तारिक ने शनिवार सुबह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। उनके नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के दौरा करने का भी कार्यक्रम है।
सुल्तान के दौरे का एजेंडा क्या है?
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का कहना है कि ओमान के सुल्तान की भारत यात्रा क्षेत्रीय स्थिरता, प्रगति और समृद्धि के लिए दोनों देशों के बीच भविष्य में सहयोग के रास्ते तलाशने का अवसर प्रदान करेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ओमान के सुल्तान के भारत पहुंचने पर कहा, “उनके इस दौरे से भारत और ओमान के संबंधों को और मजबूती मिलेगी। दोनों देशों के बीच परस्पर सहयोग और दोस्ती को प्रगाढ़ करने में भी यह दौरा बेहद कारगर साबित होगा।”मुक्त व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना और व्यापार तथा रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने के तरीके भी दौरे के अहम एजेंडे में शामिल हैं।
भारत-ओमान के रिश्ते कैसे रहे हैं?
ओमान सल्तनत भारत का एक रणनीतिक साझेदार है जो खाड़ी सहयोग परिषद, अरब लीग और हिंद महासागर रिम एसोसिएशन जैसे मंचों पर एक अहम वार्ताकार है। भारत और ओमान भूगोल, इतिहास और संस्कृति से जुड़े हुए हैं और उनके बीच मधुर संबंध हैं। ओमान में मौजूद भारतीय दूतावास द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार दोनों देशों के बीच संबंध 5000 साल पुराना है। वहीं, राजनयिक संबंध 1955 में स्थापित किए गए थे और 2008 में इस रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी में अपग्रेड किया गया था।
किस क्षेत्र में संबंध किस तरह के हैं?
राजनीतिक संबंध ओमान भारत की पश्चिम एशिया नीति का एक महत्वपूर्ण स्तंभ और इसका सबसे पुराना क्षेत्रीय रणनीतिक भागीदार है। दोनों देशों के बीच राजनीतिक जुड़ाव तेजी से और अधिक रणनीतिक आकार लेता जा रहा है। इस विशेष मित्रता के प्रतीक के रूप में, भारत ने 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अतिथि देश के रूप में जी20 शिखर सम्मेलन और बैठकों में भाग लेने के लिए ओमान को निमंत्रण दिया था। इनके बीच अंतरिक्ष, दुर्लभ पृथ्वी खनिज और साइबर सुरक्षा जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भी चर्चा चल रही है।
दोनों देशों के बीच अहम दौरे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी 2018 में ओमान का दौरा किया था। वहीं, दूसरी ओर ओमान के विदेश मंत्री सैय्यद बद्र बिन हमद बिन हमूद अलबुसैदी ने जी20 विदेश मंत्री की बैठक में भाग लेने के लिए 01-03 मार्च 2023 को भारत का दौरा किया था।
किन क्षेत्रों में सहयोगी हैं भारत-ओमान?
रक्षा सहयोग ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत का सबसे करीबी रक्षा भागीदार है और रक्षा सहयोग भारत और ओमान के बीच रणनीतिक साझेदारी के प्रमुख स्तंभ के रूप में उभरा है। ओमान पहला खाड़ी देश है जिसके साथ भारत के रक्षा बलों के तीनों अंग संयुक्त अभ्यास करते हैं। अगस्त 2022 में राजस्थान में 13 दिवसीय संयुक्त सैन्य अभ्यास अल नजाह आयोजित किया गया था। हाल के वर्षों में, दोनों देशों ने हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग किया है।
आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध
भारत और ओमान के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंध मजबूत रहे हैं। 2021-2022 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 9.988 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष से लगभग 90% की वृद्धि है। 2021-2022 में भारत का निर्यात 3.148 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा, जबकि भारत का आयात 6.840 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा।
इसके अलावा भारत ओमान के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से एक है। वर्ष 2022 के लिए ओमान के कच्चे तेल निर्यात के लिए चीन के बाद भारत दूसरा सबसे बड़ा बाजार रहा। भारत वर्ष 2022 के लिए ओमान के गैर-तेल निर्यात के लिए संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब के बाद चौथा सबसे बड़ा बाजार रहा और संयुक्त अरब अमीरात के बाद इसके आयात का दूसरा सबसे बड़ा स्रोत बनकर उभरा।
ओमान में कितने भारतीय रहते हैं?
मौजूदा समय में ओमान में 6,73,789 भारतीय हैं, जिनमें 5,68,314 कार्य वीजा धारक शामिल हैं। ओमान में कुछ भारतीय परिवार 150-200 वर्षों से भी अधिक समय से रह रहे हैं। जनवरी 2023 तक के आंकड़ों के अनुसार, 1797 भारतीय मूल के लोगों के पास ओमानी नागरिकता है। हजारों भारतीय डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, शिक्षक, व्याख्याता, नर्स, प्रबंधक आज अरब देश में काम कर रहे हैं।