*मध्यप्रदेश:-* नॉर्मल वेजाइनल डिलीवरी मां और बच्चे दोनों के लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है. नॉर्मल डिलीवरी का मतलब है बिना किसी मेडिकल हस्तक्षेप के सामान्य प्रसव. जब शरीर तैयार हो जाता है, तब प्रसव पीड़ाएं शुरू हो जाती हैं और बच्चा वेजाइनल के रास्ते बाहर निकलता है. यह प्राकृतिक तरीका है. नॉर्मल डिलीवरी में कम खतरे होते हैं और मां व बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित माना जाता है.साथ ही, मां का दूध भी जल्दी आता है. इसलिए, जहां तक हो सके नॉर्मल डिलीवरी का ही चुनाव करना चाहिए. कुछ सावधानियों और सही कदम उठाने से आप नॉर्मल वेगिनल डिलीवरी की संभावनाओं को काफी हद तक बढ़ा सकती हैं. आइए जानते हैं यहां..*हेल्दी डाइट*हेल्दी डाइट लेने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. गर्भावस्था के दौरान महिला का खान-पान बच्चे और डिलीवरी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. जब मां स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेती है, जैसे – हरी सब्जियां, फल, दालें, साबुत अनाज, प्रोटीन वाला खाना, तो उसके शरीर को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं. इससे मां का स्वास्थ्य अच्छा रहता है और बच्चे का विकास भी ठीक से हो पाता है. ऐसी स्थिति में नॉर्मल डिलीवरी होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं.*एक्सरसाइज*गर्भावस्था के अंतिम दिनों में व्यायाम और गतिविधि बढ़ाने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है. जब गर्भवती महिला का प्रसव का समय नजदीक आता है, तब उसे अपना व्यायाम और चलना-फिरना बढ़ा देना चाहिए. इससे उसके शरीर में एनर्जी बनी रहती है और मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं.जैसे-जैसे प्रसव का समय नजदीक आता है, वैसे-वैसे उसे घर के काम-काज में भी मदद करनी चाहिए और थोड़ा-थोड़ा वॉक पर जाना चाहिए. *पर्याप्त आराम*जब औरत प्रेग्नेंट होती है तो उसे अपना खास ख्याल रखना चाहिए. उसे पूरा आराम करना चाहिए और थकान महसूस होने पर सो जाना चाहिए.रात को लंबी और गहरी नींद बहुत जरूरी होती है. कम से कम 7-8 घंटे सोना चाहिए ताकि शरीर और दिमाग को आराम मिल सके. *जानें क्या कहता रिसर्च*रिसर्च के अनुसार 85% से ज़्यादा गर्भवती महिलाएं बिना दवा के, नॉर्मल डिलीवरी से ही बच्चे को जन्म दे सकती हैं. लेकिन वास्तव में, हर 3 महिलाओं में से 1 को सिजेरियन डिलीवरी हो रही है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि बहुत सी महिलाएं सामान्य प्रसव के दौरान होने वाले दर्द और तकलीफ से बचने के लिए खुद ही सी-सेक्शन डिलीवरी का विकल्प चुन लेती हैं. या फिर ज्यादातर प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन डिलीवरी कर दिया जाता है जो कि सही नहीं है।