*भोपाल:-* अधिकांश लोग ये बात जानते हैं कि भारत में लंबे समय तक मुगलों ने शासन किया है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नरों को भी रखते थे? शायद बहुत कम लोग ये बात जानते होंगे. आज हम आपको बताएंगे कि मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नरों को क्यों रखते थे? आखिर किन्नरों को रखने के पीछे मुगल बादशाह की क्या मंशा थी.*दरबार में किन्नर*मुगल शासन में किन्नरों को कई अहम जिम्मेदारियां दी जाती थी. उदाहरण के तौर पर अकबर के शासनकाल में किन्नर सत्ता के केंद्र में रहती थी. इतिहासकार रूबी लाल अपनी किताब में लिखती हैं कि अकबर के शासन काल में हरम को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया था. इसकी रखवाली की जिम्मेदारी किन्नरों को सौंपी गई थी. उन्होंने अपने किताब में लिखा कि हरम में कई लेयर की सुरक्षा होती थी, सबसे पहले राजपूत सुरक्षाकर्मी होते थे और सबसे अंदर किन्नरों का सुरक्षा घेरा होता था. किन्नर ही ये तय करती थी कि हरम में किसे एंट्री मिलेगी या किसे नहीं मिलेगी. अकबरनाम में एक किस्सा है कि इतिमाद खान किन्नर अफसर ने एक बार अकबर के सौतेले भाई अधम खान तक को हरम में जाने से मना कर दिया था.*किन्नरों की सिक्योरिटी*किन्नर मुगलों के समय खासकर रानियों की हिफाजत के लिए रहती थी. इतना ही नहीं उस वक्त किन्नर शारीरिक रूप से मजबूत थी और बेगमों को उनसे खतरा भी नहीं था. वहीं रानियों के मामलों में मुगल शासक कभी भी मुगल सेना पर भरोसा नहीं करते थे, उनका ये भी मानना था कि मुगल सैनिक अगर हरम में जाएंगे तो महिलाएँ आकर्षित भी हो सकती हैं. इसीलिए मुगल बादशाह अपने दरबार में किन्नरों को रखते थे.*ख्वाजासरा*जानकारी के मुताबिक मुगलों के समय दरबार में रहने वाली किन्नरों को ख्वाजासरा कहा जाता था. मुगल दरबार में किन्नरों को हर तरह की सुविधा मिलती थी. इतना ही नहीं किन्नर हथियारों और घोड़े भी चलाना जानती थी. जिससे किसी खराब परिस्थिति में वो हरम में मौजूद रानियों की रक्षा कर सके।