नई दिल्ली : जब भी बात अगर यात्रा की आती है तो देश का एक बड़ा तबका भारतीय ट्रेनों से यात्रा करता हुआ नजर आता है। रोजाना एक बड़ी संख्या में लोग ट्रेनों से यात्रा करके अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। भारतीय रेल को काफी आरामदायक माना जाता है। जैसे- कंफर्ट सीटें, एसी की सुविधा, शौचालय की व्यवस्था और खानपान जैसी चीजें ट्रेन में मौजूद होने के कारण ये लोगों के सफर को आसान बनाती है। इसलिए आपको बस ट्रेन टिकट बुक करना होता है और इसके बाद आप निकल सकते हैं अपने सफर पर, लेकिन क्या आपने टिकट बुक करते समय ध्यान दिया है कि आईआरसीटीसी आपको सीट चुनने का विकल्प नहीं देता है, जैसे बस में मिलता है। पर शायद आप इसके पीछे के कारण के बारे में नहीं जानते हों, तो चलिए जानते हैं इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। आप अगली स्लाइड्स में इस बारे में विस्तार से जान सकते हैं…
क्यों नहीं मिलती सीट चुनने की अनुमति?
दरअसल, आईआरसीटीसी यात्रियों को सीट चुनने का विकल्प नहीं देता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब आप किसी सिनेमा हॉल की टिकट बुक करते हैं तो वो जगह स्थिर होता है, लेकिन ट्रेन स्थिर नहीं होती और इसमें चलायमान की स्थिति होती है। ऐसे में ट्रेन में भार को बैलेंस करने के लिए सीट चुनने की अनुमति नहीं दी जाती है।
आप इसे ऐसे समझ सकते हैं कि अगर ट्रेन में एस1, एस2, एस3, एस4 से लेकर एस10 तक स्लीपर कोच है और हर ट्रेन के कोच में 72-72 सीटें हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति पहली बार ट्रेन टिकट बुक करता है तो आईआरसीटीसी का सॉफ्टवेयर या एप ट्रेन के बीच वाले डिब्बे में आपको सीट देगा।
आईआरसीटीसी की वेबसाइट और एप को डिजाइन इस तरह से किया गया है कि वो पहले लोअर बर्थ बुक करेगा। ऐसा इसलिए ताकि गुरुत्वाकर्णण का केंद्र कम रहे। वहीं बीच डिब्बे में पहले सीट देकर ट्रेन में भार और समानता को बैलेंस करने का काम किया जाता है।
जब भी कोई व्यक्ति ट्रेन टिकट बुक करता है तो
आईआरसीटीसी का सॉफ्टवेयर इस तरह से सीटों को बुक करता है जिससे सभी कोचों में सामान रूप से टिकट बुक हो। इससे ट्रेन का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलता है। अगर ऐसा न किया जाए तो ट्रेन में सेंटर फोर्स बढ़ जाएगा और ट्रेन के पटरी से उतरने की संभावना अधिक होगी।