*मध्यप्रदेश:-* चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 16 अप्रैल को मनाई जाएगी. इस दिन मां के आठवें स्वरूप मां महागौरी की ही पूजा की जाती है. अष्टमी के दिन कुल देवी की पूजा के साथ ही मां काली, दक्षिण काली, भद्रकाली और महाकाली की भी पूजा होती हैमां महागौरी अन्नपूर्णा का रूप माना जाता है. इसलिए इस दिन माता अन्नपूर्णा की भी पूजा की जाती है. अष्टमी के दिन कई नियमों का पालन किया जाता है. आइए जानते हैं कि इस दिन कौन से काम गलती से भी नहीं करने चाहिए. अष्टमी के दिन नहीं करने चाहिए ये कामआज के दिन देर तक गलती से भी देर तक सोते न रह जाएं. इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और माता रानी का पाठ करें. अगर आपने इस दिन व्रत नहीं भी रखा है तो भी जल्दी स्नान करके पूजा अवश्य करें. इस दिन पूजा में काले रंग के कपड़े पहनने की गलती ना करें. अष्टमी के दिन हवन के बिना पूजा नहीं करनी चाहिए. हवन किए बिना अष्टमी की पूजा अधूरी मानी जाती है. हवन करते वक्त आहुति का विशेष ध्यान रखें. इस दिन हवन करते समय ध्यान रखें कि हवन सामग्री कुंड से बाहर न आए. माता रानी की पूजा के समय मन पूरी तरह शांत होना चाहिए. मां दुर्गा की पूजा पूरे भक्तिभाव से करने से ही पूजा का फल मिलता है.अष्टमी पूजा के नियमअष्टमी के दिन मां दुर्गा का षोडशोपचार पूजन किया जाता है. इस दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है. इसलिए इस दिन मिट्टी के नौ कलश रखे जाते हैं और देवी दुर्गा के नौ रूपों का ध्यान कर उनका आह्वान किया जाता है. अष्टमी के दिन दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ जरूर करना चाहिए. इस दिन सुहागन महिलाओं को मां गौरी को लाल चुनरी अर्पित करनी चाहिए. ऐसा करने से उनके पति को लंबी उम्र का वरदान मिलता है.अगर आपने अष्टमी का व्रत रखा है तो महानवमी के दिन कन्या पूजन करें और व्रत का विधिवत पारण करें. इससे माता रानी का आशीर्वाद मिलता है.