नई दिल्ली : कई योगासन हैं जिन्हें सर्दियों के मौसम में रोजाना करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। इन योगासनों के अभ्यास से खांसी, जुकाम और बुखार से भी बचा जा सकता है। इस लेख के माध्यम से जानिए कौन से योगासनों के अभ्यास से इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर सर्दियों की बीमारियों से बच सकते हैं।
ठंड का मौसम आते ही लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं, जिसमें सर्दी, खांसी और जुकाम आम परेशानी है। तापमान में कमी गले में खराश, कफ, खांसी और बहती नाक का कारक हो सकता है। इस मौसम में लोगों को आसानी से सर्दी लग जाती है और तबीयत खराब हो सकती है।
सर्दियों में होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने की जरूरत होती है। खांसी,जुकाम और बुखार से बचने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत करें। पौष्टिक आहार, स्वस्थ जीवन शैली को अपनाकर रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा योग भी इम्यूनिटी को नेचुरल तरीके से मजबूत बना सकता है।
कई योगासन हैं जिन्हें सर्दियों के मौसम में रोजाना करने से कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। इन योगासनों के अभ्यास से खांसी, जुकाम और बुखार से भी बचा जा सकता है। इस लेख के माध्यम से जानिए कौन से योगासनों के अभ्यास से इम्यूनिटी को मजबूत बनाकर सर्दियों की बीमारियों से बच सकते हैं।
कपालभाति प्राणायाम
कई तरह के प्राणायामों में सबसे लोकप्रिय कपालभाति प्राणायाम है, जिसके अभ्यास से रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट साफ रहता है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है। सांस नली में होने वाली रुकावटें खुलती हैं और सांस लेने में आसानी होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर में गर्मी पैदा होती है और शरीर को ऊर्जा मिलती है। आंखों की सेहत बेहतर होती है। साथ ही किडनी और लिवर स्वस्थ रहते हैं।
मत्स्यासन
मत्स्यासन के अभ्यास से गहरी सांस लेने में मदद मिलती है और सर्दी जुकाम से राहत मिलती है। इस आसन के अभ्यास से छाती और फेफड़े खुलते हैं और श्वसन क्रिया बेहतर होती है। मत्स्यासन करने से शरीर को गर्माहट मिलती है। गर्दन और कंधों के दर्द से राहत मिलती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। पेट में लचीलापन आता है। मत्स्यासन करने से शरीर में रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम शरीर में गर्मी पैदा करता है और ठंड से बचाता है। इस प्राणायाम के नियमित अभ्यास से शरीर में आक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और अग्नि तत्व बढ़ता है। पाचन तंत्र, हृदय, फेफड़े, मस्तिष्क और सभी ग्रंथियों को मजबूत बनाने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम करें। वात, पित्त और कफ दोष तीनों को संतुलित रखने में ये प्राणायाम असरदार है। साथ ही आलस, डिप्रेशन और तनाव को भी ये योग कम करता है।
सूर्य नमस्कार
सूर्य नमस्कार कई आसनों का सेट है, जिसके अभ्यास से कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलती है। सूर्य नमस्कार करने से इम्यूनिटी मजबूत होती है। शरीर गतिशील होता है और मस्तिष्क शांत रहता है। इस आसन से सर्दियों में शरीर में गर्माहट का एहसास होता है और खांसी जुकाम की समस्या से बचाव होता है।