अमेरिका:- राज्यों ने कंपनी पर लाइक्स की लत लगाकर बच्चों व किशोरों की मानसिक सेहत खराब करने का आरोप लगाया है. कैलिफोर्निया, न्यूयॉर्क, कोलाराडो जैसे राज्यों ने कैलिफोर्निया की उत्तरी जिला अदालत में मुकदमा दायर किया है. आरोप है कि कंपनी ने जानबूझकर कई ऐसे फीचर तैयार किए हैं, जिससे बच्चों को लाइक्स की लत लग जाए. इससे उनके कॉन्फिडेंस में कमी आ रही है।
अलग-अलग राज्यों को अटॉर्नी जनरलों के नेतृत्व में जांच किए जाने के बाद अदालत में मुकदमा दायर किया गया है. राज्यों द्वारा आरोप लगाया है कि कंपनी माता-पिता के बिना अनुमति के 13 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का डाटा एकत्रित कर रही है. न्यूयॉर्क की अटॉर्नी जनरल लेटिशिया जेम्स ने कहा, ‘मेटा ने बच्चों की पीड़ा से मुनाफा कमाया है. इस कोशिश में कंपनी ने खतरों के प्रति जनता को गुमराह किया. इस मामले में 9 और अटॉर्नी जनरल मुकदमा दाखिल करने वाले हैं, जिससे शिकायत करने वाले राज्यों की संख्या कुल 41 हो जाएगी. राज्यों ने कहा कि शोध ने बच्चों द्वारा मेटा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के उपयोग को डिप्रेशन, चिंता, अनिद्रा, पढ़ाई और डेली लाइफ में हस्तक्षेप और कई अन्य निगेटिव रिजल्ट से जोड़ा है।
वहीं मेटा ने इन आरोपों के खिलाफ दावा किया है कि उसके प्लेटफॉर्म सुरक्षित हैं. यह निराशाजनक है कि राज्यों ने उसके साथ काम करने के बजाए यह रास्ता चुना है. कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बोंटा ने कहा, “मेटा हमारे बच्चों और किशोरों को नुकसान पहुंचा रहा है, कॉर्पोरेट मुनाफे को बढ़ावा देने के लिए लत पैदा कर रहा है. आज के मुकदमे के साथ, हम एक लाइन खींच रहे हैं.”
मई में, अमेरिकी सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति ने तकनीकी कंपनियों, माता-पिता और देखभाल करने वालों से सोशल मीडिया के नुकसान से “बच्चों को बचाने के लिए तत्काल कार्रवाई” करने का आह्वान किया. वाशिंगटन डी.सी. के अटॉर्नी जनरल ब्रायन श्वाल्ब इस पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या वे टिकटॉक या स्नैपचैट के खिलाफ भी मुकदमा दायर करने का विचार कर रहे हैं. उन्होंने कहा, फिलहाल वे मेटा कंपनी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. देखा जाए तो बच्चों के साथ साथ वयस्क भी विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियों के गुलाम बन गए हैं।