गजियाबाद:- कुछ ही दिनों में बुखार के मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई। उस समय स्वास्थ्य विभाग ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। सितंबर महीने के अंत तक गांव में तीन मौतें हो गई। तब भी स्वास्थ्य विभाग ने गंभीरता नहीं दिखाई। देखते ही देखते गांव में बुखार के मरीजों की संख्या एक हजार तक पहुंच गई।
हर गली, हर मोहल्ले में लोग बुखार से पीड़ित हो गए। जब लोगों की मौत का आंकड़ा दस को पार कर गया तो स्वास्थ्य विभाग की नींद टूटी। गांव में स्वास्थ्य कैंप शुरू कराए गए। जिले से चिकित्सकों की टीम गांव में भेजी गई। घर-घर आशाओं को भेजकर बीमार लोगों की सूची तैयार कराई गई। उधर, लोगों का कहना है कि गांव के तालाब में अगस्त माह में मछलियां मर गईं थीं, जिसकी सफाई नहीं कराई गई। इससे गंदगी फैली और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया।