मध्यप्रदेश:– श्राद्ध पक्ष का समय पूर्वजों को स्मरण करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए सबसे पवित्र माना गया है. लेकिन अक्सर लोग सही विधि की जानकारी न होने के कारण अनजाने में ही कई ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं, जिनसे श्राद्ध का फल अधूरा रह जाता है. धर्मग्रंथों में कहा गया है कि श्राद्ध केवल कर्मकांड नहीं, बल्कि श्रद्धा, सात्विकता और संयम का पर्व है.
अशुद्ध रहकर श्राद्ध करना: बिना स्नान किए, अशुद्ध वस्त्रों में या जल्दीबाजी में किए गए कर्म पितरों को तृप्त नहीं कर पाते. बचाव यही है कि स्नान कर स्वच्छ, सात्विक वस्त्र धारण करें.
वर्जित भोजन का उपयोग: प्याज, लहसुन, बैंगन, मसूर दाल और मांसाहार श्राद्ध भोजन में वर्जित हैं. इनके स्थान पर ताजा और सात्विक भोजन ही बनाएं.