ताजा मामलों में हर पांच में से एक मरीज की उम्र 30 साल से कम होती है. आज से कुछ साल पहले 40 साल के मरीज को दिल का दौरा पड़ना बहुत ही दुर्लभ माना जाता था।
इसकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, युवाओं का गलत लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खानपान, अत्यधिक तनाव, स्मोकिंग, पॉल्यूशन, कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर की समस्या और मोटापा दिल की सेहत को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि बीते जमाने में हृदय रोग वृद्धावस्था का रोग कहलाता था, लेकिन आज भागदौड़ भरे जीवन में 25 से 30 साल के लोग भी हृदय रोगों से ग्रसित हो रहे हैं. इसका मुख्य कारण मानसिक तनाव और अनियमित खानपान है, जिसके चलते व्यक्ति उच्च रक्तचाप और शुगर जैसी बीमारियों की चपेट में आ जाता है।
इसी साल फरवरी में पिथौरागढ़ में सेना की तैयारी करने वाले एक 18 साल के लड़के की उस समय अचानक दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जब वह देव सिंह मैदान में एक्सरसाइज कर रहा था. 21 मई को गुरुग्राम से नैनीताल घूमने आए एक युवा पर्यटक की हार्ट अटैक से मौत हो गई. जून में भी दो पर्यटकों की नैनीताल में दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई थी।