भारत : कोरोना महामारी के बाद से विश्व अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर काफी धीमी गति से आगे बढ़ रही है । वहीं , भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से कुलांचे भर रही है। अगर भर की अर्थव्यवस्था इसी रफ्तार से बढ़ती रही तो एसएंडपी ग्लोबल के मुताबिक, सात साल में यानी 2030 तक भारत की जीडीपी का आकार 7300 अरब डॉलर तक हो जाएगा और इस आंकड़े से जापान की जीडीपी भी पीछे रहेगी।
भारत दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना हुआ है और आईएमएफ से लेकर वर्ल्ड बैंक तक तमाम ग्लोबल एजेंसियों ने देश के लिए सकारात्मक रुख बनाए रखा है. भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने पर एक और ग्लोबल एजेंसी ने अपनी मुहर लगाई है. एसएंडपी ग्लोबल ने भारत पर भरोसा जताते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश आने वाले सात साल में कमाल कर देगा और साल 2030 कर ये दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है।
सोमवार को जारी एसएंडपी ग्लोबल इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग ने अपने नवीनतम खरीद प्रबंधक सूचकांक रिपोर्ट में एजेंसी की ओर से कहा गया है कि साल 2021 के बाद साल 2022 में लगातार दो वर्षों की देश की इकोनॉमी में तेज रफ्तार देखने को मिली और इस चालू वित्त वर्ष 2023 में भी भारत मजबूत वृद्धि के साथ आगे बढ़ रहा है. फिलहाल, देश दुनिया में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है,लेकिन 2030 तक ये जापान को पछाड़ते हुए विश्व की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन सकता है।
एजेंसी ने अनुमान जाहिर करते हुए भरोसा जताया है और कहा कि सात साल में यानी 2030 तक भारत की जीडीपी का आकार 7300 अरब डॉलर तक हो जाएगा और इस आंकड़े से जापान की जीडीपी भी पीछे रहेगी.भारत का सकल घरेलू उत्पाद 6.2 फीसदी से 6.3 फीसदी तक बढ़ने की उम्मीद है. यानी इस लिहाज से मार्च 2024 में खत्म होने वाले वित्त वर्ष में भी भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ती हुई इकोनॉमी बना रहेगा।
घरेलू मांग के उछाल
एसएंडपी ग्लोबल की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर तेजी की उम्मीद है और इस तेजी में सबसे बड़ा हाथ घरेलू मांग में वृद्धि का रहेगा. इससे देश की इकोनॉमी को बल मिलेगा. फिलहाल अगर जीडीपी के लिहाज से देखा जाए तो अमेरिका सबसे बड़ी इकोनॉमी है, जिसके बाद चीन और जापान का नाम आता है. वहीं भारतीय इकोनॉमी का आकार ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों से भी बड़ा है।
दरअसल, इससे अंदाजा लग जाता है कि दुनिया की तमाम एजेंसियों ने जहां एक ओर बड़े-बड़े देशों के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटाया है, तो वहीं भारत पर सभी का भरोसा लगातार कायम है. बता दें कि अमेरिका की जीडीपी फिलहाल, 25,500 अरब डॉलर है, जबकि दूसरे नंबर पर मौजूद चीन की जीडीपी 18000 अरब डॉलर है और जापान की जीडीपी का साइज 4200 अरब डॉलर है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन इकोनॉमी को लेकर जो सपना देखा है, उसका जिक्र उन्होंने और उनकी सरकार के मंत्रियों ने कई मौकों पर किया है. इनमें एक है भारत के साल 2047 तक दुनिया के विकसित देशों की लिस्ट में पहुंचना और आने वाले पांच-छह साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी के तौर पर सामने आना।
गौरतलब है कि साल 2014 से 2023 तक की अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था ने कई नए मुकाम हासिल किए हैं.2014 में ये 10वें पायदान पर थी और आज ग्लोबल इकोनॉमी में पांचवे पायदान तक पहुंच चुकी है।
कोरोना काल में जब दुनिया की तमाम अर्थव्यवस्थाओं धराशायी हो चुकी थीं, तो भारतीय अर्थव्यवस्था ने इस प्रकोप से उबरते हुए ऐसी रफ्तार पकड़ी कि पूरी दुनिया ने भारत का लोहा माना है. दरअसल, इसके पीछे मोदी सरकार की दूरदृष्टि का हाथ है । मोदी सरकार ने देश को हर मोर्चे पर मजबूत करने की नीति पर काम किया जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया है। देश में उत्पादन बढ़ा है और घरेलू मांग भी बढ़ी । देश ने निर्यात के क्षेत्र में भी कामयाबी हासिल की । कृषि , मैन्युफैक्चरिंग , सर्विस सभी क्षेत्रों में देश ने निरंतर प्रगति की है । यही कारण है कि भारत की अर्थ व्यवस्था तेजी से नए मुकाम हासिल कर रही है ।