*भोपाल:-* केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार 20 फरवरी को जयपुर में प्रबुद्ध सम्मेलन को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने देश में भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देने के लिए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला. लेकिन इस दौरान शाह ने मंच से मनमोहन सरकार के एक काम की तारीफ भी की. अमित शाह ने कहा, 2004 से 2014 तक कांग्रेस ने एक काम अच्छा किया कि उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था की रैंकिंग गिरने नहीं दी. केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि अटल जी के नेतृत्व में भारत 11वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन गया. मनमोहन सिंह की सरकार 10 साल तक चली. एक काम जो उन्होंने अच्छा किया वह यह कि उन्होंने भारत को 11वें से 12वें स्थान पर नहीं खिसकने दिया. 10 साल तक भारत की स्थिति स्थिर रही. इसके बाद मोदी ने 10 साल में भारतीय अर्थव्यवस्था को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया. ‘अच्छे काम का समर्थन क्यों नहीं?अमित शाह ने कहा, कई बार मैं ऑफ द रिकॉर्ड अपने कांग्रेस मित्रों से पूछता हूं, ‘आपका लक्ष्य क्या है’, और वे चुप रह जाते हैं. जब मैं पूछता हूं कि ‘आप किसी अच्छी बात का समर्थन क्यों नहीं करते’ तो वे फिर चुप हो जाते हैं. जब मैं पूछता हूं कि ‘आप बार-बार चुप क्यों हो जाते हैं’, फिर भी वे चुप रहते हैं. शाह ने विपक्षी पार्टियों को घेरशाह ने कहा, ”पीएम मोदी का एक ही लक्ष्य है कि भारत को दुनिया के शीर्ष पर देखना है. हालांकि, सात पार्टियों के ‘गठबंधन’ के नेता अपने बेटों और भतीजों को ही पीएम और सीएम देखना चाहते हैं.उन्होंने कहा, सोनिया गांधी का लक्ष्य अपने बेटे राहुल गांधी को पीएम के रूप में देखना है, उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं, लालू प्रसाद भी अपने बेटे तेजस्वी यादव को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं, जबकि मायावती अपने भतीजे आकाश आनंद को सीएम के रूप में देखना चाहती हैं.शाह ने पूछा कि क्या ऐसे लोग जो अपने बेटों और रिश्तेदारों को पीएम और सीएम के रूप में देखने का सपना देखते हैं, राष्ट्र निर्माण में मदद कर सकते हैं? शाह ने कहा, ऐसे नेता केवल अपने परिवारों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं, जबकि भाजपा चाहती है कि भारत को लाभ हो. *आतंकी हमलों के लिए मनमोहन सरकार का किया जिक्र*अमित शाह ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के कार्यकाल को याद करते हुए कहा, एक समय था, जब लोग भारत में घुसकर विस्फोट करते थे. आप लोगों ने 2014 में पीएम मोदी को चुना था. इस सरकार ने 2019 में पुलवामा हमले के बाद 10 दिनों के भीतर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इससे पहले, केवल दो देश ऐसे थे जो सीमा पार करके दुश्मन देश पर हमले करने के लिए जाने जाते थे – अमेरिका और इजराइल. लेकिन अब भारत भी इसी लिस्ट में शामिल हो गया।