तख़तपुर / बिलासपुर, 15 फरवरी । तखतपुर नगर पालिका में भाजपा पार्षदों ने सामान्य सभा की बैठक का बहिष्कार कर दिया और नगर पलिका के कार्यालय के सामने मौन धरने पर बैठ गये। भाजपा पार्षदो ने आरोप लगाया है कि नगर सरकार जनवरी 2020 में गठन के बाद से ही जवाबदेही से बचते आ रही है।आज तक जहाँ 12 सामान्य सभा की बैठक हो जानी थी वहां मात्र दूसरी बैठक हो रही है। अप्रैल 2016 में जारी राज पत्र में दिए दिशानिर्देश के अनुसार निर्वाचित जनप्रतिनिधि अपने निर्वाचन क्षेत्र की समस्याओं और विषयो को निकाय को प्रेषित पत्र या सामान्य सभा मे प्रश्न के माध्यम से रखकर समाधान की मांग कर सकते है। नेता प्रतिपक्ष ईश्वर देवांगन ने बताया कि अध्यक्ष और सीएमओ मनमानी करते हुए सामान्य सभा की बैठक को।
विशेष बैठक का नाम देकर प्रश्न पूछने से जनप्रतिनिधियों को न केवल रोके रहे है बल्कि जनता की समस्याओं से भी भाग रहे है।वही इस मामले में हमारे द्वारा 24 दिसंबर और 6 जनवरी को सीएमओ और अध्यक्ष को पत्र प्रेषित कर बैठक आहूत करने और प्रश्नों को एजेंडा में शामिल करने की मांग की गई थी। पत्र में हमने पिछले दो वर्षों में नगर की गलियों में व्याप्त अंधेरे को लेकर, पिछले वर्ष पारित राशन कार्ड,परिवार सहायता ,पेंशन प्रकरण, भवन और दुकान नामांतरण के अलावा प्रधानमंत्री आवास योजना में किश्त भुगतान सहित नगर पालिका के सामने बनाये जा रहे अधूरे सीएमओ और इंजीनियर आवास पर किसी व्यक्ति द्वारा अवैध कब्जे को लेकर प्रश्न बैठक में शामिल करने की मांग रखी थी।इनके अलावा कोरोना काल मे बिना सामान क्रय किये राशि के खर्च होने, फ़र्ज़ी बिल का भुगतान जैसे विषयों को भी शामिल किए जाने को पत्र के उल्लेख किया गया था।लेकिन अनावश्यक रूप से बैठक को विशेष बैठक बताकर प्रश्न पूछने से रोका जा रहा है।इज़के कारण हम शांतिपूर्ण धरना देकर अपना विरोध जता रहे है और बैठक का बहिष्कार कर रहे है।
पार्षदों का कहना है कि विशेष सम्मेलन तब ही बुलाया जाता है जब नगर पालिका के पास किसी विषय विशेष पर जवाब देने समय का अभाव हो और जवाब देना आवश्यक हो। साथ ही परिषद के सदस्यों को 7 दिवस की पूर्व सूचना देना संभव न हो।24 दिसंबर की बैठक का कारण ही रद्द कर दिए जाने स्पष्ट है कि अध्यक्ष के पास शासन को जानकारी देने के लिए कोई विशेष विषय भी नहीं है और ना ही समय का अभाव है। सामान्य बैठक को विशेष बैठक बता कर भाजपा पार्षदों को प्रश्न पूछने से रोका जाना ही एकमात्र मंशा नजर आ रही है।
वहीं मुख्यनगर पालिका अधिकारी अनुभव सिंह का कहना है कि भाजपा पार्षदों ने मुझे कोई प्रश्न ही नही दिया था जिसे एजेंडे में शामिल किया जाता।जब उन्होंने कोई प्रश्न ही नही दिया तो पूछने के लिए समय कैसे निर्धारिर करता।दूसरा उनके द्वारा दिए गए प्रश्नों को शामिल करना या न करना पीठासीन अधिकारी का स्वविवेक होता है।