कोरबा/स्वराज टुडे: राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने पहाड़ी कोरवा जनजाति महिला की निजी अस्पताल में मौत के मामले को कलेक्टर ने गंभीरता से लिया है। कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच के लिए टीम गठित करने के साथ ही अस्पताल को सील करने का आदेश जारी कर दिया है। संबंधित लोगों पर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश देने के साथ ही जिला अस्पताल/मेडिकल कालेज प्रबंधन को भी नोटिस जारी किया गया है।
3 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के आदेश
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इस पूरे मामले में जांच के निर्देश दे दिए हैं। कोरबा एसडीएम हरिशंकर पैकरा, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग माया वारियर एवं सीएमएचओ डॉ. बीबी बोर्डे जांच टीम में शामिल हैं। 3 दिन के भीतर जांच कर रिपोर्ट देने निर्देशित किया गया है। देर शाम कलेक्टर के निर्देश पर सीएमएचओ के द्वारा गीता देवी मेमोरियल अस्पताल को सील कराने की कार्यवाही शुरू की गई।
प्रशासनिक अमले के साथ अस्पताल प्रबंधन की हुई तीखी
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू के आदेश का परिपालन करते हुए कोरबा एसडीएम हरिशंकर पैकरा सहित अन्य अधिकारी अस्पताल को सील करने पहुंचे , लेकिन यहां अस्पताल प्रबंधन एवं डॉ. बृजलाल कवाची के साथ उनकी तीखी बहस हुई।
अस्पताल संचालक डॉ कवाची ने दी ये दलील
डॉक्टर कवाची ने इस तरह से अस्पताल को सील करने पर अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि यहां मरीज भर्ती हैं जिनकी जिम्मेदारी कौन लेगा? प्रशासन ने कहा कि सभी मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर कराया जाएगा। यहां डॉ कवाची की कोई दलील काम नहीं आयी और अंततः हॉस्पिटल को सील कर दिया गया ।
अस्पताल को हमेशा के लिए बंद करने की मांग
बता दें कि इस घटना के बाद सामाजिक कार्यकर्ता निःशुल्क हेल्प सेंटर समिति के अध्यक्ष जफर अली ने प्रशासन से शिकायत कर बिना किसी लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित अस्पताल को बंद करने की मांग रखी है। आरोप है कि कोरोना संक्रमितों का इलाज करने के साथ ही उन्हें कोविड के टीके भी लगाए जाते रहे। अस्पताल संचालन संबंधी सुविधाओं का अभाव है वही नर्सिंग होम एक्ट 2013 की सीएमएचओ कार्यालय की सूची में भी इस अस्पताल का नाम शामिल नहीं है।
हाथ के मामूली फ्रैक्चर के इलाज में हुई देरी के चलते पीड़ित महिला की हो गयी मौत
गौरतलब है कि हाथ में मामूली सा फ्रेक्चर होने पर स्वस्थ पहाड़ी कोरवा महिला सबसे पहले इलाज करवाने जिला अस्पताल पहुंची लेकिन यहां उससे कहा गया कि सरकारी अस्पताल में उसका अच्छे से उपचार नहीं हो पाएगा लिहाजा उसे कोसा बाड़ी स्थित निजी अस्पताल गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल जाना ज्यादा उचित होगा । इसके बाद पीड़ित महिला को गीता मेमोरियल हॉस्पिटल ले जाया गया ।
इस हॉस्पिटल में ऑपरेशन करने के नाम पर महिला को 9 फरवरी से भर्ती रखा गया और जानबूझकर इलाज के लिए विलंब किया गया ताकि अस्पताल का बिल बढ़ता रहे। गीता देवी मेमोरियल हॉस्पिटल की लापरवाही के कारण पहाड़ी कोरवा महिला सोनी बाई पति सुख सिंह पहाड़ी कोरवा 50 वर्ष निवासी ग्राम सतरेंगा की पिछली रात मौत हो गई।
विधायक ननकीराम कंवर अस्पताल के सामने धरने पर बैठे
इस घटना की जानकारी जैसे ही रामपुर विधायक एवं वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकीराम कंवर को मिली तो वे तत्काल अस्पताल पहुंचे और मुख्य द्वार के सामने धरना शुरू कर दिया। उनके साथ जिला भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव सिंह, नेता प्रतिपक्ष हितानंद अग्रवाल सहित अन्य भी धरना पर बैठे। इनके द्वारा बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे इस अस्पताल को तत्काल बंद करने एवं जिला अस्पताल से गीतादेवी मेमोरियल अस्पताल में रेफर करने वाले डॉ. सहित संबंधित लोगों के विरुद्ध कार्यवाही की मांग की ।
सरकारी अस्पताल के बदले निजी अस्पताल में इलाज करवाने का झांसा देने वाले की शिकायत के लिए फोन नंबर जारी
कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने निजी अस्पताल में पहाड़ी कोरवा महिला की मौत को गंभीरता से लेते हुए रिफर करवाने वाले लोगों की शिकायत के लिए फोन नंबर जारी करने के निर्देश दिए हैं। इसी तारतम्य में स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राइवेट अस्पतालों में झांसा देकर मरीज रिफर करवाने वाले लोगो की शिकायत के लिए फोन नंबर जारी कर दिया गया हैं। नागरिक ऐसे लोगों की सूचना डॉ राकेश अग्रवाल के मोबाइल नंबर 9788514400, डॉ रविकांत जाटवर के मोबाइल नंबर 7583828824 और डॉ गोपाल कंवर के मोबाइल नंबर 9827195979 पर दे सकते हैं।
सीएमएचओ डॉ.बोडे ने सख्त कार्रवाई का दिया आश्वासन
सीएमएचओ डॉ. बी. बी. बोडे ने बताया कि नागरिकगण सरकारी अस्पताल से प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने का झांसा देने वाले लोगों के खिलाफ इन नंबरों पर शिकायत कर सकेंगे। शिकायत सही पाए जाने पर ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जिले वासियों के स्वास्थ्य जांच और इलाज के लिए जिला अस्पताल सहित जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।