छत्तीसगढ़ के बीजापुर में माओवादियों ने एक कांग्रेस कार्यकर्ता की हत्या कर दी है। कांग्रेस कार्यकर्ता आड़ावली गांव की सरपंच का पति भी है। वह एक गांव में शादी समारोह में शामिल होने के लिए गया हुआ था। जहां ग्रामीण वेशभूषा धारण किए माओवादियों ने उसे गोली मार दी। मामला जिले के कुटरू थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेसी कार्यकर्ता धनश्याम मंडावी नक्सलियों के निशाने पर था। नक्सली इस पर पुलिस की मुखबिरी करने का शक करते थे। बुधवार शाम घनश्याम ताडमेर गांव में एक विवाह के समारोह में शामिल होने के लिए गया हुआ था, तो उस दौरान माओवादियों को घनश्याम के आने की भनक लगी। इसके बाद करीब आधा दर्जन से अधिक माओवादी गांव पहुंच गए।
उन्होंने धनश्याम को गोली मार दी। गोली की आवाज सुनते ही समारोह में भगदड़ का माहौल भी हो गया था। हत्या करने के बाद नक्सली जंगल की तरह भाग गए। वहीं ग्रामीणों ने मामले की जानकारी पुलिस को दी। रात में ही जवान भी मौके पर पहुंच गए थे। SDOP अभिनव उपाध्याय ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। ग्रामीणों से पूछताछ भी कर रहे हैं।
पिछले डेढ़ सालों में इतने लोगो को मारा
17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगा कर 2 युवकों की हत्या की थी।21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जनअदालत लगा उसकी हत्या की थी।साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर गला रेत का हत्या की थी।
साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी।साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।साल 2020 में सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या कर दी थी।नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जन अदालत लगाकर माओवादियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इनपर भी पुलिस मुखबिरी योय आरोप लगाया था।
नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी।जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा।जनवरी 2022 में ही बीजापुर जिले के जांगला थाना क्षेत्र में अपने ही 2 साथी भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी पर पुलिस मुखबिरी का शक कर उन्हें भी जन अदालत लगा कर मौत की सजा दी।