नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर 2023 को प्याज की निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके के पीछे सबसे बड़ा कारण आम लोगों को सस्ता प्याज मिलना था, लेकिन इसकी वजह से किसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा।
देश में प्याज के दामों में एक बार फिर तेज बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले 15 दिनों में प्याज के दामों में 30-40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। प्याज के दामों में ये इजाफा कम आवक यानी सप्लाई कम होने के वजह से हो रही है। जबकि ईद उल-अजहा के आने से पहले प्याज की मांग में जोरदार इजाफा हो चुका है। इस बीच केंद्र सरकार से उम्मीद की जा रही है कि वो प्याज के बढ़ते दामों पर लगाम लगाने के लिए कुछ जरुरी कदम उठाए ताकि आम आदमी को राहत मिल सके।
दरअसल, प्याज के दामों में बढ़ोतरी डिमांड और सप्लाई के बीच अंतर की वजह से आई है। जून से मंडियों और बाजारों में जो प्याज आ रहा है, वह उस स्टॉक से है जो किसानों और ट्रेडर्स ने रखा हुआ था। इस बीच किसानों को ऐसी आशंका है कि साल 2023-24 की रबी फसल में गिरावट आ सकती है, जिसके बाद उन्हें प्याज के दामों में बढ़ोतरी की उम्मीद है। किसानों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में केंद्र सरकार प्याज से एक्सपोर्ट ड्यूटी हटा सकती है। इसलिए किसान और स्टॉकिस्ट प्याज का भंडारण कर रहे हैं। उन्हें लगता है कि एक्सपोर्ट ड्यूटी हटने के बाद प्याज के दाम तेजी से ऊपर जाएंगे, जिससे वे अपने प्याज की अच्छी कीमत वसूल कर सकेंगे।
आजादपुर मंडी के व्यापारियों का कहना है कि देश का सबसे बड़ा प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र है, जिसका कुल उत्पादन में 43 फीसदी का हिस्सा बताया गया है। इसलिए वहां की मंडियों में दाम बढ़ने का असर पूरे देश में पड़ रहा है। महाराष्ट्र के नासिक जिले के लासलगांव गांव में एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी है। राज्य के किसानों को पिछले 15 दिनों से सही दाम मिलना शुरू हुआ है, उससे पहले दाम बहुत कम थे, क्योंकि जब भी दाम बढ़ते थे, तब सरकार कोई न कोई नीति बदल कर उसे नीचे गिरा देती थी। फिलहाल प्याज की निर्यात पर 40 फीसदी एक्सपोर्ट ड्यूटी की वजह से गति धीमी बनी हुई है। 17 जून को ईद उल-अजहा का त्योहार मनाया जाएगा, इसलिए घरेलू मांग में कुछ और समय तक तेजी जारी रहेगी। इन दिनों महाराष्ट्र से आने वाले प्याज की मांग बाजार में ज्यादा है। इसके अलावा दक्षिण भारत के राज्यों से डिमांड ज्यादा आ रही है।
इस वजह से तेजी से बढ़ रहे दाम
केंद्र सरकार ने 7 दिसंबर 2023 को प्याज की निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके के पीछे सबसे बड़ा कारण आम लोगों को सस्ता प्याज मिलना था, लेकिन इसकी वजह से किसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ा। किसानों को प्याज एक रुपये से लेकर 10 रुपये किलो तक के दाम पर बेचनी पड़ी। क्योंकि खरीफ सीजन में प्याज स्टोर भी नहीं किया जा सकता था, इसलिए मजबूरी में किसानों को उसे औने-पौने दाम पर बेचना पड़ा। लेकिन किसानों ने लोकसभा चुनाव आते ही दबाव बनाया और सरकार को पांच महीने बाद 4 मई को निर्यात खोलना पड़ा। इस समय रबी सीजन का प्याज निर्यात हो रहा है। उत्पादन में कमी के होने के चलते इसे स्टोर किया जा रहा है। इसलिए दाम में बढ़ोतरी देखी जा रही है।