मध्यप्रदेश:- इस साल का पहला पंचक बेहद कष्टकारी है. 13 जनवरी 2023, शनिवार से मृत्यु पंचक लग रहे हैं. नाम के अनुरूप ये मृत्यु के समान पीड़ा देने वाला माना जाता है. पंचक के 5 दिन तक बेहद सावधानी बरतना चाहिए.
इसमें कोई भी शुभ काम नहीं किए जाते. ऐसे में कोई भी मांगलिक या शुभ काम मृत्यु पंचक के शुरू होने से पहले निपटा लें. आइए जानते हैं साल का पहला मृत्यु पंचक कब से शुरू होगा और इसकी समाप्ति कब होगी. वहीं साल 2024 में पंचक कब-कब लगेंगे.
मृत्यु पंचक 2024 समय
मृत्यु पंचक शुरू – 13 जनवरी 2024, शनिवार को रात 11 बजकर 35 मिनट
मृत्यु पंचक समाप्त – 18 जनवरी 2024 को प्रात: 03 बजकर 33 मिनट
मृत्यु पंचक है खरतनाक, सावधानी बरतें.
शनिवार से शुरू होने वाला पंचक जिसे मृत्यु पंचक के नाम से जाना जाता है, सबसे खतरनाक और अशुभ माना जाता है.
मान्यता है कि मृत्यु पंचक के दौरान व्यक्ति को दुर्घटनाओं और दुर्भाग्य का सामना करना पड़ सकता है.
इस अवधि में बुरी शक्तियां हावी रहती है, जिसके कारण व्यक्ति को मानसिक, शारीरिक और आर्थिक रूप से कष्टकारी परिस्थितियों से भी गुजरना पड़ता है. यही कारण है कि मृत्यु पंचक में कुछ खास बातों का ख्याल रखें.
दक्षिण दिशा की ओर यात्रा न करें, छत न डलवाएं, बिस्तर-खाट न बनवाएं.
अगर किसी की मृत्यु पंचक में मृत्यु हो जाए तो शव के साथ कुश या आटे की पांच पुतलियों का भी अंतिम संस्कर करें.
चंद्रमा की स्थिति तय करती है पंचक
चंद्रमा लगभग ढाई दिन में अपनी राशि बदलता है. पंचक काल के दौरान चंद्रमा कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर करता है. यह घटना बार-बार दोहराई जाती है और हर 27 दिन के बाद घटित होती है. पंचक पांच नक्षत्र के संयोजन से बनता है. धनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र. पंचक काल के दौरान चंद्रमा पांच दिनों में इन नक्षत्रों से होकर गुजरता है. इस अवधि को कुछ ऐसे कार्यों को करने के लिए अनुकूल या सकारात्मक नहीं माना जाता है जो प्रकृति में शुभ हैं।