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‘मुलेठी’। कोरोना काल में एक बार फिर से लोगों की इस गुणों की कारण मुलेठी से पहचान हो रही है। मुलेठी यूरोप और एशिया के देशों में बारहमासी इस्तेमाल की जाने वाली एक जड़ी- बूटी है, जिसका इस्तेमाल आयुर्वेद और चीन की मेडिकल साइंस द्वारा किया जाता रहा है।
मुलेठी का रोजाना इस्तेमाल इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जाना जाता है। पौधे की सुखी जड़ों को क्रश कर के डेली चाय में पी सकते हैं। लेकिन डेली डोज में यह 10 ग्राम से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। मुलेठी पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं में टेस्टोस्टेरोन लेवल को कम करता है, जिसे गर्भधारण करने के उनके चांस बढ़ जाते हैं। इसके साथ ही एस्ट्रोजेन और एंटी- स्पासमोडिक गुण पीरियड्स में होने वाले दर्द का बेहतरीन इलाज है। मुलेठी की चाय एक हारमोन रेगुलेटर के रूप में भी काम करती है।
मुलेठी को चबाने से गले की पुरानी खराश दूर हो जाती है। इसके एक्सपेक्टोरेंट और ब्रोन्कोडायलेटर गुण काली खांसी, अस्थमा, सूखी खांसी और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों में भी मदद करते हैं। अस्थमा और ब्रोन्कियल की समस्या को कम करने के लिए मुलेठी की चाय में आधा चम्मच अदरक का रस मिलाकर पिएं।