रायपुर। सीमा सुरक्षा बल की प्रेस कॉन्फ्रेंस शुरू हो गई है। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस बीएसएफ के एडीजी आरएस भट्टी कर रहे हैं। भट्टी साल 2021 में छत्तीसगढ़ और ओडिशा में बीएसएफ द्वारा नक्सल विरोधी अभियान में की गई कार्रवाई की जानकारी दे रहे हैं। बता दें कि पिछले एक दशक से भी ज्यादा समय से बीएसएफ के जवान छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस-प्रशासन को नक्सल समस्या से उबारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के कांकेर, नारायणपुर और कोंडागांव के साथ ही ओडिशा के मलकानगिरी और कोरापुट जिलों में बीएसएफ की तैनाती है।
बीएसएफ ने छत्तीसगढ़ और ओडिशा में साल 2009-10 में 41 सीओबी/पोस्ट से नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत की। ये अभियान अब बढ़कर 108 सीओबी तक पहुंच गया है। बीते दो साल में छत्तीसगढ़ में दो और ओडिशा में 6 नए सीओबी की स्थापना की गई है। नक्सल विरोधी अभियान को तेज करने के लिए बीएसएफ के 2 डीआईजी के मुख्यालय हाल ही में कांकेर और भानुप्रतापपुर में ट्रांसफर किए गए हैं।
नक्सल भर्ती में गिरावट
भट्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि छत्तीसगढ़ में बीएसएफ की कार्रवाई की वजह से नक्सली भर्ती में काफी गिरावट आई है। साल 2021 में छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के साथ बीएसएफ की तीन बार मुठभेड़ हुई। इसमें जवानों ने नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया। इसका असर ये रहा कि 891 नक्सली आत्मसमर्पण करने पर मजबूर हो गए। बीएसएफ ने 1473 हथियार, 958 आईईडी, 3176 किलोग्राम बारूद भी जब्त किया।