केंद्र सरकार के साथ हुए समझौते के बाद एक साल से अधिक चला किसान आंदोलन स्थगित हो गया। लेकिन केंद्र सरकार ने लिखित वादों को पूरा नहीं किया। इससे किसान भड़क उठे हैं। किसान आंदोलन से जुड़े संगठन सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाने जा रहे हैं।
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा, केंद्र सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। सरकार का किसान विरोधी रुख इस बात से जाहिर हो जाता है कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है। आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।
सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा नहीं की है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चे ने देशभर में किसानों से कहा है, वे 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस के जरिए सरकार तक अपनी नाराजगी पहुंचाएं। यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को आयोजित बैठक में लिया गया था।
रायपुर में कलेक्ट्रेट के पास जुटेंगे किसान
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में किसान 12.30 बजे कलेक्ट्रेट के पास स्थित डॉ. भीमराव आम्बेडकर की प्रतिमा के पास इकट्ठा होंगे। वहां प्रदर्शन होगा। उसके बाद किसानों का प्रतिनिधिमंडल कलेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संबोधित एक ज्ञापन सौंपेंगे। तेजराम विद्रोही ने दावा किया कि देश भर में करीब 500 स्थानों पर ऐसा प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।
कई किसान संगठन जुटेंगे
पिछले दिनों छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संचालक मंडल सदस्यों की ऑनलाइन बैठक में प्रदर्शन की तैयारी की समीक्षा हुई। इसमें पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर, तेजराम विद्रोही, पारसनाथ साहू, जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर, ठाकुर रामगुलाम सिंह, टिकेश्वर साहू, गजेंद्र कोसले, विश्वजीत हारोड़े, वेगेन्द्र सोनबेर, शत्रुघन साहू, हेमंत टंडन आदि शामिल हुए। बताया जा रहा है, विश्वासघात दिवस प्रदर्शन में कई संगठन शामिल होंगे।