नई दिल्ली: आपको आधार, पैन (PAN) या लाइसेंस के वेरिफिकेशन के लिए अलग-अलग आईडी देने की जरूरत नहीं होगी। इस नई तकनीक पर इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय काम कर रहा है। MeitY ने केंद्रीकृत डिजिटल पहचान का एक नया मॉडल प्रस्तावित किया है।
यह एकीकृत डिजिटल पहचान नागरिक को इन पहचानों पत्रों को नियंत्रण में रखकर सशक्त बनाएगी और उन्हें यह चुनने का विकल्प प्रदान करेगी कि किस उद्देश्य के लिए किसका उपयोग करना है. प्रस्ताव के जल्द ही सार्वजनिक होने की उम्मीद है और मंत्रालय 27 फरवरी तक लोगों की प्रतिक्रियाएं मांगेगा.
इस एकीकृत डिजिटल पहचान के तहत केंद्रीय के साथ-साथ अलग-अलग राज्यों के पहचान पत्रों को भी एक साथ रखा जा सकेगा. साथ ही ईकेवाईसी (EKYC) के माध्यम से इस डिजिटल आईडी का उपयोग अन्य थर्ड पार्टी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए उपयोग किया जा सकता है. इसके अलावा एक नागरिक की सभी डिजिटल पहचान को एक दूसरे के साथ जोड़ा जा सकता है, जो मसौदा प्रस्ताव के अनुसार बार-बार सत्यापन प्रक्रिया की आवश्यकता को समाप्त कर देगा.
मंत्रालय ने इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर (इंडईए) 2.0 के तहत प्रस्ताव पेश किया है. इंडईए को पहली बार 2017 में “सरकारी संगठनों के व्यावसायिक दृष्टिकोण के साथ आईटी विकास को सक्षम करने के लिए” प्रस्तावित और डिजाइन किया गया था. तब इसे अपडेट किया गया है. 2.0 संस्करण में InDEA एक ऐसे ढांचे का प्रस्ताव करता है, जो सार्वजनिक और साथ ही निजी क्षेत्र की कंपनियों को “ग्राहकों को समग्र और एकीकृत सेवाएं” देने के लिए “जो उनकी संगठनात्मक सीमाओं से परे हो सकता है”