यह महीना व्रत-त्योहारों से गुलजार रहना वाला है। 14 अक्टूबर को पितृ पक्ष के समापन के साथ ही व्रत और त्योहारों की भरमार लगने वाली है। अक्टूबर का महीना तो बड़े त्योहारों से भरा पड़ा है। पितृपक्ष के बाद 15 अक्टूबर को शारदीय नवरात्रि का त्योहार शुरू हो जायेगा। कलश स्थापना के साथ ही लोग खरीदारी भी शुरू कर देंगे। महालया से दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू हो जाएंगी तो 26 सितंबर से कलश स्थापना के साथ शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो जाएगी। अक्टूबर में दशहरा, दिवाली, धनतेरस, भाई दूज, गोवर्धन पूजा, छठ पूजा, करवा चौथ, शरद पूर्णिमा जैसे बड़े महतवपूर्ण व्रत और त्योहार पड़ रहे हैं। इनके अलावा अभी मासिक व्रत अलग से हैं। ज्योतिषाचार्य अशोक त्रिपाठी का कहना है कि इस साल अक्टूबर में मंदिरों में भक्तों का तांता और बाजारों में ग्राहकों की रौनक देखने को मिलेगी।
महालया के अगले दिन यानि आश्विन शुक्ल प्रतिपदा से नौ दिनों के लिए नवरात्रि और दसवें दिन दशहरा का उत्सव मनाया जाता है। पूरे वर्ष लोगों को दशहरा का इंतजार रहता है।
दशहरा और दिवाली के बीच में लगभग 20 दिन का अंतर होता है. इस वजह से कई बार ये त्योहार अलग-अलग माह में पड़ते हैं, लेकिन इस बार तो अक्टूबर में ही दशहरा और दिवाली साथ हैं। इतना ही नहीं, छठ पूजा भी अक्टूबर के अंतिम दिनों में है।