कोच्चि। अंधेरा था, भारी बारिश हो रही थी और एक अपरिचित सड़क थी. बेहतर तरीके से रास्ते की पहचना करने के लिए डॉ. अद्वैत ने शनिवार आधी रात के बाद होंडा सिविक कार में जीपीएस चालू कर दिया. जल्द ही वे सड़क के एक पानी से भरे हुए हिस्से पर आ गए और जैसा कि मानचित्र ने सीधे आगे का रास्ता बताया, कार पानी में चली गई. मगर वह एक सड़क नहीं बल्कि एक नदी थी और कार डूबने लगी. डॉ. अद्वैत (29 साल) की मौत हो गई और उनके सहयोगी डॉ. अजमल आसिफ (29 साल) की भी मौत हो गई. होंडा सिविक कार में सवार तीन अन्य लोग खुद को किसी तरह बाहर निकालने में कामयाब रहे और उन्हें बचा लिया गया.
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह घटना आधी रात के करीब केरल के एर्नाकुलम जिले के गोथुरुथ इलाके में हुई. डॉ. अद्वैत शनिवार को 29 साल के हो गए थे और वे पांचों कोच्चि से कोडुंगल्लूर लौट रहे थे, जहां वे जन्मदिन की कुछ खरीदारी के लिए गए थे. ये डॉक्टर कोडुंगल्लूर क्राफ्ट अस्पताल में काम करते थे. उसके वरिष्ठ प्रबंधक अशोक रवि और पुलिस के मुताबिक जीवित बचे लोगों में से एक डॉ. गाजिक थाबसीर ने खुलासा किया कि यह दुर्घटना जीपीएस से उनका रास्ता बदलने के बाद हुई. उन्होंने बताया कि ‘हां हम जीपीएस का उपयोग कर रहे थे. मैं गाड़ी नहीं चला रहा था, इसलिए मैं पुष्टि नहीं कर सकता कि यह एप्लिकेशन की तकनीकी खराबी थी या मानवीय गलती.’
रवि ने बताया कि ‘डॉ. अद्वैत का जन्मदिन था,और डॉक्टर हमारे अस्पताल में एक नर्स के साथ इसे मनाने के लिए कोच्चि गए थे. डॉ. अजमल की मंगेतर भी इसका हिस्सा थीं.’ मॉनसून के दौरान जीपीएस एल्गोरिदम ड्राइवरों को कम ट्रैफिक वाली सड़कों पर जाने का सुझाव देता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि कम व्यस्त सड़कें जरूरी नहीं कि सुरक्षित हों. इसके अलावा किसी को मैप पर यात्रा के तरीके का चुनाव करते समय हमेशा याद रखना चाहिए कि एक चार पहिया वाहन उस तरह नहीं चल सकता जिस तरह बाइक जाती है.
डॉ. अजमल त्रिशूर जिले के मूल निवासी थे और डॉ. अद्वैत कोल्लम से थे. जो बच गए उनमें जिस्मॉन और तमन्ना के अलावा डॉ. थाबसीर शामिल हैं, जो क्राफ्ट अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में काम करते हैं. जिस्मॉन अस्पताल में नर्स हैं और तमन्ना पलक्कड़ में एमबीबीएस की छात्रा हैं. तीनों को कोच्चि के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है. डॉ. अद्वैत के शव को कलामासेरी मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया और डॉ. अजमल के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए त्रिशूर मेडिकल कॉलेज ले जाया गया.