नई दिल्ली : मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 91 प्रतिशत नास्तिकों के साथ चीन शीर्ष पर है। यहां पर सबसे अधिक लोग ऐसे हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं।
दुनियाभर में कई धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईसाई धर्म को मानने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है। पर क्या आप जानते हैं कि बड़ी संख्या में ऐसे लोगों की भी आबादी है जो किसी भी धर्म और उसके रिवाजों को नहीं मानती है?
वास्तव में कई देश ऐसे हैं जहां की बड़ी आबादी नास्तिक है। नास्तिकता का मतलब ईश्वर में विश्वास की कमी होना। धार्मिक समूहों के विपरीत, नास्तिकों का न तो कोई पवित्र धर्मग्रंथ होता है न ही किसी प्राकृतिक शक्ति में विश्वास। भारत में भी नास्तिकता में विश्वास करने वाले लोग हैं। आइए जानते हैं कि दुनिया के किस देश में नास्तिकों की संख्या सबसे ज्यादा है?
चीन में सबसे ज्यादा नास्तिक लोग
नास्तिकता के भीतर व्यापक परिभाषाओं और विविध मान्यताओं के कारण किसी देश में नास्तिकों की संख्या का सटीक अनुमान लगाना चुनौतीपूर्ण है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 91 प्रतिशत नास्तिकों के साथ चीन शीर्ष पर है। यहां पर सबसे अधिक लोग ऐसे हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते हैं।
जैसे-जैसे नास्तिकता बढ़ती जा रही है, इस विश्वास प्रणाली के भीतर अलग-अलग दृष्टिकोण और जटिल विचार वाले लोगों की संख्या में भी वृद्धि होती जाती है।
ये हैं नास्तिकता के मामले में दस शीर्ष देश
आइए जानते हैं कि किन दशों में कितने फीसदी लोग नास्तिकता को मानने वाले हैं।
चीन-91%
जापान-86%
स्वीडन-78%
चेक रिपब्लिक-75%
यूनाइटेड किंगडम-72%
बेल्जियम-72%
एस्तोनिया-72%
ऑस्ट्रेलिया-70%
नॉर्वे-70%
डेनमार्क-68%
भारत में कितने प्रतिशत लोग नास्तिक?
भारत में भी नास्तिक- ईश्वर और उसकी शक्तियों को न मानने वाले लोगों को बड़ी संख्या है। हालांकि दुनियाभर में भारत का स्थान 60वां है। यहां पर नास्तिकता को मानने वाले करीब छह फीसदी लोग हैं। वहीं यहां पर धार्मिक मान्यता वाले लोगों की संख्या 94 फीसदी के करीब की है।