मध्यप्रदेश:– घुटनों में ग्रीस की कमी बुजुर्गों में तो आम बात है, लेकिन आजकल युवाओं में भी यह समस्या तेजी से बढ़ रही है. खराब लाइफस्टाइल, डाइट, मोटापा और एक्सरसाइज की कमी इसके प्रमुख कारण हैं. घुटनों में सिनोवियल फ्लूड की कमी जोड़ों में दर्द का कारण बन सकती है. यह फ्लूड हमारे घुटनों को आपस में रगड़ने से बचाता है. इसलिए जब घुटनों में ग्रीस की कमी हो जाती है, तो उनमें चरमराहट, दर्द और सूजन जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं.
आयुर्वेद इसके लिए कई प्राकृतिक उपाय सुझाता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार किन जड़ी-बूटियों, तेलों और उपायों से घुटनों के ग्रीस को बढ़ाया जा सकता है.
घुटनों में ग्रीस सिनोवियल फ्लूड की कमी के लक्षण
घुटनों में दर्द या जकड़न
चलने या बैठने पर चरमराहट की आवाज
घुटनों में सूजन या गर्माहट
लंबे समय तक बैठने के बाद खड़े होने में तकलीफ
खानपान से जुड़ी सलाह
ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लें – अलसी के बीज, अखरोट, मछली का तेल आदि.
कोलेजन और जिलेटिन वाले खाद्य पदार्थ जैसे बोन सूप हड्डी का शोरबा लें.
घी, तिल का तेल, मूंगफली का तेल जैसे प्राकृतिक वसा का सेवन करें.
अत्यधिक तला-भुना और जंक फूड से बचें.
योग और एक्सरसाइज
ताड़ासन, त्रिकोणासन और मंडूकासन जैसे आसन घुटनों की लचीलापन बढ़ाते हैं.
रोजाना हल्की वॉक या साइक्लिंग करें.
बहुत ज़्यादा भार उठाने या अचानक बैठने-उठने वाली गतिविधियों से बचें।






