रायपुर:– फिजिकल गोल्ड: आप सोने के सिक्के और गहने खरीद सकते हैं. इसे खरीदते समय BIS हॉलमार्क वाले गहने या सिक्के चुनना बहुत जरूरी है. यह सोने की शुद्धता सुनिश्चित करता है. मेकिंग चार्ज आमतौर पर 5% से 20% तक होता है. सरल डिजाइन चुनकर या सिक्के खरीदकर आप इसे काफी कम कर सकते हैं.
डिजिटल गोल्ड: डिजिटल गोल्ड छोटी रकम में सोने में निवेश करने का एक आसान और सुविधाजनक तरीका है. जब तक आप इसे फिजिकल रूप में बदलना या बेचना नहीं चाहते, गोल्ड प्लेटफॉर्म की ओर से सुरक्षित रूप से रखा जाता है. यह तरीका निवेशकों को फिजिकल स्टोरेज की परेशानी के बिना एक विकल्प देता है.
गोल्ड ETFs: गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स सीधे भौतिक सोने में निवेश करते हैं, जिससे निवेशक धातु को अपने पास रखे बिना सोने की कीमतों में होने वाले बदलावों से लाभ उठा सकते हैं. ये फंड्स शेयरों की तरह ही स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदे और बेचे जा सकते हैं, बशर्ते निवेशक के पास डीमैट खाता हो. वे बेहतरीन लिक्विडिटी प्रदान करते हैं. गोल्ड ईटीएफ को केवल बाज़ार के घंटों के दौरान ही खरीदा या बेचा जा सकता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स: गोल्ड म्यूचुअल फंड्स गोल्ड ईटीएफ़ की यूनिट में निवेश करते हैं. वे ‘फंड-ऑफ-फंड्स’ नजरिए के माध्यम से शुद्ध सोने से जुड़ाव प्रदान करते हैं. निवेशक या तो एकमुश्त राशि का योगदान कर सकते हैं या धीरे-धीरे अपनी होल्डिंग बनाने के लिए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का विकल्प चुन सकते हैं. ये फंड उन नए निवेशकों के लिए सही है जो सीधे फिजिकल गोल्ड खरीदे बिना सोने से जुड़ाव चाहते हैं.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से जारी की जाने वाली सरकारी प्रतिभूतियां हैं. इन्हें 999 शुद्धता वाले सोने का समर्थन प्राप्त है. इनकी आठ साल की मैच्योरिटी अवधि होती है, जिसमें जारी होने की तारीख से पांच साल बाद रिडीम करने का विकल्प होता है।