कोरबा – कोरबा जिले के वनांचल ग्राम पंचायत लेमरू के आश्रित ग्राम सरईबहार के पहाड़ी कोरवा टिकैत राम एवं उनके परिवार के सदस्य बीमार पड़ गए थे,
जिसकी सूचना मिलते ही कलेक्टर रानू साहू ने तत्परता दिखाते हुए सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग कोरबा माया वारियर को निर्देषित किया।
वही सहायक आयुक्त ने तत्काल कार्यवाही करते हुये, कोरबा एस.डी.एम. हरिशंकर पैकरा, सी.ई.ओ. जनपद पंचायत कोरबा जी.के. मिश्रा, कोरबा तहसीलदार पी.आर. सलामे, व मुकेश देवांगन, डॉ. बंशीधर नायक सहित प्रशासन की टीम के साथ ग्राम पंचायत लेमरू के ग्राम सरईबहार पहुंची और टिकैत राम एवं उनके परिवार के सदस्यों से पूछा गया कि शासकीय उपस्वास्थ्य केन्द्र लेमरू में ईलाज कराने क्यों नहीं जाते हैं। तो उन लोगों ने कहा! जड़ी-बूटी से ठीक हो जाते हैं, साहब कहने लगे। वही टिकैत राम ने बताया कि लोहे की कील से पैर में चोंट लगी थी।
जिसे साधारण चोंट समझ कर उपस्वास्थ्य केन्द्र लेमरू नहीं गया और घर में ही जड़ी-बूटी का सहारा लेकर ईलाज करते रहे, जिसके कारण टिकैत राम के घाव बढ़ते गया, टिकैत राम ने बताया कि मेरी दो बच्चियां भी बीमार है,जो चल फिर नही सकती, वही टिकैत राम के सारी बातों सुनने के बाद वहां पहुंची हुई प्रशासन की टीम ने बारी-बारी से टिकैत राम व उसके परिवार को समझाते हुये जिला चिकित्सालय कोरबा में ईलाज करवाने के लिये परिवार के बीमार सदस्यों को तैयार किये। वहीं प्रशासन की टीम ने उन्हें अपने साथ कोरबा लेकर आये और जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाए गए हैं। और बीमार पढ़े लोगों की ईलाज शुरू किया गया। अभी जिला चिकित्सालय कोरबा में टिकैत राम व उनके दो बच्चियों का ईलाज जारी है। जबकि पूर्व कलेक्टर किरण कौशल एवं पूर्व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग और परियोजना प्रशासक ने सिर्फ और सिर्फ जिला खनिज न्यास के गलत काम कैसे हो उसी पर ध्यान दिए थे। और दुरुपयोग करते रहे, अगर जिला खनिज न्यास की सही उपयोग पूर्व कलेक्टर किरण कौशल के द्वारा किए होते तो आज टिकैत राम एवं उनके परिवार को ऐसे मुसीबतों से गुजरना नहीं पड़ता। जिसके कारण लंबे समय तक टिकैत राम के परिवार का इलाज नहीं हो पाया। आज कोरबा कलेक्टर रानू साहू को जानकारी मिलते ही तत्काल प्रशासन की टीम को रवाना कर दिए और टिकैत राम एवं उनके परिवार के लोगों, जिनका इलाज अभी जिलाचिकित्सालय कोरबा में चल रहा है।