गोरखपुर : अपने दिव्या दरबार के साथ ही अपनी बातों से अक्सर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दोनों बड़हलगंज में हैं। यहां उनकी तीन दिवसीय कथा चल रही है।
राम राजनीति के लिए नहीं होने चाहिए। राम आस्था के होने चाहिए। राम जीवन में आदर्श व नैतिक मूल्य के लिए होने चाहिए। राम हमारे जीवन के उत्थान, समाज के विकास, विश्व के कल्याण के लिए होने चाहिए, न कि राजनीति के लिए…।
अपने दिव्या दरबार के साथ ही अपनी बातों से अक्सर चर्चा में रहने वाले बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री इन दोनों बड़हलगंज में हैं। यहां उनकी तीन दिवसीय कथा चल रही है। काफी व्यस्तता के बीच बृहस्पतिवार को राम और हिन्दुत्व समेत कई विषयों पर उनसे बातचीत की गई। पेश है बातचीत के प्रमुख अंश…
सवाल: लोक के लिए राम और रामकथा कितनी आवश्यक है?
जवाब : राम सिर्फ हिंदू के लिए नहीं हैं। राम में समग्र विश्व समाहित है। राम मनुष्य मात्र के लिए हैं। गोस्वामी तुलसीदास ने कहा था कि जिसके भीतर राम चरित्र नहीं, वह मानव कहलाने का अधिकारी नहीं। लोक से राम कितने गहरे जुड़े हैं, इसके लिए श्रीराम चरित मानस को पढ़ा जाना चाहिए।
सवाल : हिंदुत्व और राम एक दूसरे से कैसे जुड़े हैं?
जवाब : हंसते हुए… अखिल ब्रह्मांड में सिर्फ एक ही धर्म है, और वह है सनातन। जिसका न आदि है न अंत। बाकी सब पंथ हैं। हम हिंदुस्तान में हैं, इसलिए हमने अपने धर्म को हिंदू मान लिया। सनातन ही एक ऐसा धर्म है जो पूरे विश्व के मंगल की कामना करता है। राम की बात करें तो वे मानव मात्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।
सवाल: मौजूदा समय में हिंदुत्व का भविष्य क्या है?
जवाब: यह बड़ा कठिन प्रश्न है। एक श्लोक है धर्मों रक्षति-रक्षित:। हिंदुत्व का भविष्य उज्ज्वल बना रहे, इसके लिए धर्मावलंबियों को अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान होना होगा। लोग कथावाचकों को प्रेरणास्रोत मानते हैं। ऐसे में यह हमारी भी जिम्मेदारी है। हम सबको अपने उत्तरदायित्व का सम्यक निर्वहन करना होगा। कथाकार, पत्रकार, चित्रकार, नीतिकार, अदाकार और गीतकार इन सबकी इसमें बहुत बड़ी भूमिका है।
सवाल: वैश्विक परिदृश्य में श्रीराम को कैसे देखते हैं। दुनिया के लिए राम क्या हैं?
जवाब: श्रीराम आदर्श पुरुष हैं। हम हैं तब हैं यह बड़ी बात नहीं है। बड़ी बात यह है कि हम नहीं हैं तब भी हैं। जीवन में राम चरित्र हैं। आप नहीं होकर भी हैं यही श्रीराम हैं। राम दुनिया के लिए विशेष हैं। आज विदेशों में बड़े पैमाने पर राम कथा आयोजित हो रही है।
सवाल : राम मंदिर और मथुरा सर्वे पर क्या कहना चाहेंगे?
जवाब : राम मंदिर बनना पूरे विश्व के सनातनियों की जीत है। 22 जनवरी को सनातनियों को दिवाली मनानी चाहिए। मथुरा सर्वे को लेकर यही कहूंगा कि भारत हिंदू राष्ट्र की ओर अग्रसर है। ये दूसरा कदम है, जहां नहीं खुदा वहीं खुदेगा।
सवाल : ये बाबर नहीं, रघुबर का देश है। क्या आपने ऐसा कहा था?
जवाब : बिल्कुल कहा था। इस राष्ट्र में राम की चर्चा नहीं होगी तो किसकी होगी। अब राम मंदिर बन चुका है। 22 जनवरी को राष्ट्र को समर्पित हो जाएगा। अब काशी, मथुरा उधार है। अब हिंदू विरोधियों की ठठरी बंधेगी।
सवाल : भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में कैसे देखना चाहेंगे?
जवाब : हिंदू राष्ट्र कागजों में नहीं चाहिए। हमें हिंदू राष्ट्र भारतीयों के दिल में चाहिए। जब हिंदू राष्ट्र भारतीयों के दिल में आ जाएगा तो कभी पत्थर नहीं चलेंगे। संतों की हत्या नहीं होगी।
सवाल : आप पहली बार गोरखपुर आए हैं। आपके पुरखों की भूमि मामखोर यहीं हैं। क्या वहां जाएंगे?
जवाब : यह सौभाग्य है कि मैं यहां आया हूं। आठ पीढ़ी पहले हमारे पूर्वज यहां से जाकर छतरपुर बसे थे। मेरी प्रबल इच्छा है कि मैं अपने पुरखों की भूमि को प्रणाम करूं। वहां के लोग भी मेरी प्रतीक्षा कर रहे हैं।