यह तो सभी जानते हैं कि कि मेंटल और फिजिकल हेल्थ एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि पॉजिटिव सोच रखने का सीधा असर आपकी फिजिकल हेल्थ पर भी पड़ सकता है? हाल के अध्ययनों से पता चला है कि आशावादी रवैया न सिर्फ तनाव को कम करता है बल्कि कई बीमारियों से लड़ने की शरीर की क्षमता को भी बढ़ाता है.
शोधकर्ताओं का मानना है कि पॉजिटिव विचार दिमाग में ऐसे कैमिकल को रिलीज करने का काम करते हैं, जो तनाव कम करते हैं और इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं. इसके उलटा, नेगेटिव विचार तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ा देते हैं, जो कमजोर इम्यूनिटी, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारी का कारण बन सकता है. कई अध्ययनों से पॉजिटिव सोच और अच्छी सेहत के बीच संबंध सामने आए हैं, जैसे कि:दिल की बीमारीएक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग अधिक आशावादी थे, उनमें हार्ट अटैक या स्ट्रोक होने का खतरा कम था.
कैंसरकुछ शोध बताते हैं कि आशावादी मरीजों में कैंसर के इलाज के प्रति बेहतर प्रतिक्रिया देखी गई है.ऑटोइम्यून डिजीजअध्ययनों से संकेत मिलते हैं कि पॉजिटिव सोच रखने वाले लोगों में गठिया और रूमेटोइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों के लक्षण कम गंभीर हो सकते हैं.मेंटल हेल्थपॉजिटिव सोच तनाव और डिप्रेशर को कम करने में मदद करती है.
अपने जीवन में पॉजिटिव सोच कैसे लाएं?- हर परिस्थिति में पॉजिटिव पक्ष खोजने की कोशिश करें.- प्रशंसा की भावना विकसित करें और उन चीजों के लिए आभारी रहें जो आपके पास हैं.- अपने लक्ष्यों को छोटे-छोटे चरणों में बांटें और सफलताओं का जश्न मनाएं.- नेगेटिव विचारों को पहचानें और उन्हें पॉजिटिव विचारों से बदलने का प्रयास करें.- अपने आसपास पॉजिटिव और उत्साहित लोगों को शामिल करें.
यह याद रखना जरूरी है कि पॉजिटिव सोच किसी चमत्कारी इलाज की तरह काम नहीं करती. लेकिन यह निश्चित रूप से आपकी सेहत और खुशहाली को बेहतर बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है. यदि आप तनाव या नेगेटिव विचारों से जूझ रहे हैं, तो किसी मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह लेने में संकोच न करें.