नई दिल्ली : दुनिया के लिए वायरस को खतरा माना जाता है। कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई थी। इस खतरनाक वायरस ने लाखों लोगों की जान लेली। अब वैज्ञानिकों ने ग्रीनलैंड की बर्फ में एक विशाल वायरस की खोज की है। हालांकि, वैज्ञानिक हैरान हैं कि आखिर यह क्या है? वो ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने के बाद निष्क्रिय पड़े शैवाल का निरीक्षण कर रहे हैं। यहां पर उन्हें ऐसा कुछ मिला है, जो अप्रत्याशित है।
आरहस यूनिवर्सिटी के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विशेषज्ञों ने एक ‘विशाल वायरस’ की खोज की है। सवाल यह है कि क्या चीज इसे दूसरे सामान्य आकार के वायरस से उलट एक विशाल वायरस बनाती है? शोधकर्ताओं ने इस वायरस के बारे में हैरान करने वाली बातें बताई हैं।
शोधकर्ता लॉरा पेरीनी ने बताया कि एक सामान्य वायरस की तुलना में इसमें एक बहुत बड़ा जीनोम अनुक्रम होता है। पहली बार 1981 में समुद्र के भीतर इस तरह का वायरस पाया गया था। उन्होंने आगे कहा कि आमतौर इनसे समुद्र में शैवाल संक्रमित होते हैं। उन्होंने बताया कि पहली बार ऐसे स्थान पर एक विशाल वायरस मिला है।
फिलहाल शोधकर्ताओं का मानना है कि यह एक बुरी खबर नहीं है। उनका मानना है कि किसी गुप्त हथियार के तौर पर विशाल वायरस कार्य कर सकते हैं। यह बर्फ के पिघलने को कम कर सकते हैं। माइक्रोबायोम जर्नल में इससे संबंधित अध्ययन प्रकाशित किया गया है।
बर्फ को पिघलने से रोक सकता है?
लॉरा पेरीनी ने बताया कि वायरस के बारे में हमें बहुत अधिक नहीं पता है, लेकिन मुझे लगता है कि वो शैवाल खिलने की वजह से पिघलने वाली बर्फ को कम करने के तरीके में काम आ सकते हैं। हालांकि, यह कितने विशिष्ट हैं और कितने कुशल होंगे। इसके बारे में अभी हमें कुछ नहीं पता है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई है कि कुछ सवालों के जवाब मिल सकते हैं।
शोधकर्ताओं की टीम ने बर्फ की चादरों से नमूने को इकट्ठे किया। इनमें गहरे बर्फ के टुकड़े, लाल और हरी बर्फ शामिल थी। शोधकर्ताओं ने डीएनए का विश्लेषण किया, जिसके बाद शोधकर्ताओं को ज्ञात विशाल वायरस से मेल खाने वाले अनुक्रम मिले।
किसे कहा जाता है विशाल वायरस?
आमतौर पर बैक्टीरिया से वायरस बहुत छोटे होते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, सामान्य वायरस 20-200 नैनोमीटर के आकार का होता है, तो सामान्य बैक्टीरिया 2-3 माइक्रोमीटर का होता है। इसका मतलब यह है कि बैक्टीरिया से वायरस करीब 1000 गुना छोटा है। लेकिन विशाल वायरस 2.5 माइक्रोमीटर के आकार तक बढ़ते हैं, जो अधिकतर जीवाणुों से बड़ा है। हालांकि, इनको नग्न आंखों से नहीं देखा जा सकता है।