नई दिल्ली : शरीर को स्वस्थ रखने के लिए पौष्टिक आहार का सेवन करना सबसे आवश्यक माना जाता है। आहार विशेषज्ञ कहते हैं, पौष्टिकता और स्वच्छता के पैमाने पर घर का खाना सबसे बेहतर होता है, हालांकि आंकड़े इसकी उलट कहानी बयां करते हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन और आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज ने हाल ही में इससे संबंधित एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि भारतीय लोगों को घर से ज्यादा बाहर खाना खाना पसंद आ रहा है। ज्यादातर भारतीय अक्सर होटल-रेस्त्रां का रुख करते हैं। इतना ही नहीं इसका उनके बजट पर भी असर देखा जा रहा है। उनके कुल बजट का आधा से ज्यादा हिस्सा बाहर खाने पर खर्च हो रहा है।
अब चूंकि लोग बाहर खाना खा रहे हैं, ऐसे में प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन भी बढ़ रहा है। सर्वे की रिपोर्ट में पाया गया है कि जहां एक दशक पहले बाहर खाने पर खर्च करीब 41 फीसदी था, वह अब बढ़कर 50 फीसदी से अधिक हो गया है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, घर के खाने से दूरी और प्रोसेस्ड-अनहेल्दी खाने की तरफ बढ़ता झुकाव स्वास्थ्य के लिए कई प्रकार से समस्याकारक हो सकता है।
शहरी आबादी में बढ़ी प्रोसेस्ड फूड्स के सेवन की चलन
आईसीआईसीआई सिक्यूरिटीज ने अपनी रिपोर्ट में बताया, गांवों की तुलना में शहरी आबादी में बाहर खाना खाने का चलन अधिक देखा जा रहा है। इतना ही नहीं शहरों की करीब पांच फीसदी आबादी तो ऐसी है जो अक्सर बाहर ही खाना खाती है। इसके अलावा प्रवासी युवा आबादी जो बाहर रहकर काम करती है, उनमें बड़ी संख्या में लोग या तो कैंटीन का खाना खाते हैं या फिर जंक-प्रोसेस्ड फूड्स।
मसलन, भारत की बड़ी आबादी में प्रोसेस्ड फूड्स की खपत बढ़ रही है जिसका स्वास्थ्य पर कई प्रकार से गंभीर असर भी हो रहा है।
अधिकतर भारतीयों को नहीं मिल पाते हैं जरूरी पोषक तत्व
आहार विशेषज्ञ कहते हैं, देश में बढ़ती कई प्रकार की क्रोनिक बीमारियों के लिए आहार और लाइफस्टाइल की गड़बड़ी को प्रमुख कारणों में से एक माना जाता रहा है। जिस तरह से आंकड़े बताते हैं कि ज्यादातर लोग बाहर खाना खाते हैं, ऐसे भोजन से शरीर के लिए जरूरी हरी सब्जियों की पौष्टिकता नहीं मिल पा रही है वहीं दूसरी तरफ प्रोसेस्ड-जंक फूड्स की बढ़ती मात्रा सेहत के लिए कई प्रकार की दिक्कतों को बढ़ाने वाली हो सकती है। प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता रहा है।
क्या होते हैं प्रोसेस्ड फू्ड्स?
प्रोसेस्ड फूड्स उन खाद्यों को कहा जाता है जिन्हें पहले से तैयार करके रख दिया जाता है और लंबे समय तक संरक्षित रखने के बाद उपयोग किया जाता है। लंबे समय तक खराब होने से बचाए रखने के लिए उनमें कई प्रकार के रसायनों को मिलाया जाता है जिसे अध्ययनों में शरीर के लिए हानिकारक पाया गया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, अधिक मात्रा में प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ वजन बढ़ाने के साथ टाइप-2 डायबिटीज और कुछ प्रकार के कैंसर को बढ़ाने वाले भी हो सकते हैं।
प्रोसेस्ड फूड्स से क्रोनिक बीमारियों का खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, रासायनिक रूप से प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों में अक्सर कृत्रिम पदार्थ होते हैं जिससे भोजन की पोषकता काफी कम हो जाती है। रासायनिक स्वाद देने वाले एजेंट, फूड कलर्स और मिठास वाली चीजें क्रोनिक बीमारियों का खतरा बढ़ाने वाली हो सकती है।
ये खाद्य पदार्थ सेहत के लिए कितने हानिकारक हो सकते हैं इसको समझने के लिए एक लाख से अधिक वयस्कों को पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का अक्सर या लंबे समय तक सेवन हृदय रोग, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और सेरेब्रोवास्कुलर विकारों के जोखिमों में 10% से अधिक की वृद्धि कर सकती है। शरीर को बीमारियो से बचाने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ उन चीजों के सेवन की सलाह देते हैं जिनसे फाइबर, प्रोटीन और शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति की जा सके।