: गर्मियों में एसी किसी राहत से कम नहीं होता है, इसमें हमारी जिंदगी को आराम का जरिया बना दिया है, लेकिन कई बार ये राहत आफत में भी तब्दील हो सकती है. आजकल दिन में तापमान 45 डिग्री के पार चला जाता है, और रात में भी गर्म हवाएं चलती हैं. यही वजह है कि एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ जाता है. IHBAS अस्पताल दिल्ली के पूर्व रेजिडेंट डॉ. इमरान अहमद (Dr. Imran Ahmed) का कहना है कि एसी में लगातार सोने से सेहत पर कुछ नेगेटिव असर पड़ सकता है. एसी में सोने के नुकसान
1. सांस की दिक्कत
एसी कमरे में नमी का स्तर कम कर देता है, जिससे हवा ड्राई हो जाती है. यह सूखी हवा रिस्पिरेटरी सिस्टम को प्रभावित कर सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी पहले से ही अस्थमा या एलर्जी जैसी समस्याएं हैं. एसी में सोने से नाक और गले की सूजन, खांसी और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है.
2. स्किन की समस्याएंएसी की ठंडी और ड्राई हवा त्वचा की नमी को भी कम कर देती है. ये स्किन में खुजली, सूजन और रूखापन का कारण बन सकती है. लंबे समय तक एसी में सोने से त्वचा की प्राकृतिक चमक खो सकती है और कई स्किन से जुड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं
.3. मांसपेशियों और जोड़ों में दर्दएसी की ठंडक से मांसपेशियों और जोड़ों में अकड़न हो सकती है. ये समस्या उन लोगों में ज्यादा देखने को मिलती है जो पहले से ही गठिया या अन्य जोड़ों के दर्द से पीड़ित होते हैं. ठंडी हवा के सीधे संपर्क में आने से मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द हो सकता है.
4. इम्यूनिटी पर असरलगातार एसी में रहने से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी प्रभावित हो सकती है. एसी में रहने से शरीर बाहरी तापमान के बदलावों के प्रति संवेदनशील हो जाता है, जिससे सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बार-बार हो सकती हैं. इसके अलावा, एसी फिल्टर में जमा होने वाले बैक्टीरिया और धूल भी संक्रमण का कारण बन सकते हैं.
5. आंखों की समस्याएंएसी की ठंडी हवा आंखों की नमी को भी कम कर देती है, जिससे आंखें ड्राई हो सकती हैं और उनमें जलन हो सकती है. ये समस्या खासकर उन लोगों के लिए होती है जो कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं.
इन बातों का रखें ख्याल1. एसी का टेम्प्रचर हद से ज्यादा कम न रखें. 22-24 डिग्री सेल्सियस का तापमान काफी होता है.2. एसी में सोने से पहले कमरे को हवादार करें और नमी बनाए रखने के लिए ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें.3. एसी फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें