झारखंड:- झारखंड राज्य के गिरिडीह जिले के मधुबन में स्थित श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ी पौरोणिक काल से ही जैन धर्म के अनुयायिओं का सबसे बड़ा तीर्थ क्षेत्र रहा है। जैन धर्म के कुल 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली होने के कारण संपूर्ण जैन समाज के लिये श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ का कण-कण एक मंदिर परिसर के समान पूज्यनीय एवं वंदनीय है।
साल के बारहों महीनें विश्व भर से लाखों जैन तीर्थयात्री बेहद श्रद्धाभाव के साथ व्रत धारण कर नंगे पैर और शुद्ध सूती वस्त्रों में शरीर को गला देने वाली ठंड या फिर झुलसा देने वाली गर्मी में झारखंड की सबसे उंची पहाड़ी की 27 किलोमीटर की इस बेहद कठिन चढ़ाई वाले पहाड़ पर वंदना करने जाते है। सभी जैन तीर्थयात्री पारसनाथ पहाड़ की पवित्रता अक्षुण्ण बनाए रखने को अपना सर्वोच्च कर्तव्य समझते है । स्थानीय आदिवासियों व नागरिकों ने भी इस पहाड़ की पवित्रता को बनाये रखना सदैव अपना कर्तव्य समझा है और कभी भी कोई ऐसी घटना नहीं हुई है कि स्थानीय आदिवासियों व नागरिकों व जैन समाज के बीच कोई विवाद हुआ हो।
माननीय प्रधानमंत्री जी, पिछले कुछ महीनों से श्रद्धा के इस अक्षुण्ण तीर्थ स्थल की पवित्रता और सुचिता को सैर सपाटे व पिकनिक के नाम पर नष्ट करने का प्रयास किया जा रहा है। पिकनिक, ट्रेकिंग या फिर मात्र मनोरंजन के लिये आने वाले यात्री इस पवित्र पहाड़ पर मांसाहार व शराब का सेवन करते पाए गए हैं जो अहिंसा व शान्ति प्रेमी जैन समुदाय के लिये बेहद पीड़ाजनक है साथ ही साथ कभी भी कोई छोटी सी चिंगारी इस पूरे क्षेत्र के साथ-साथ पूरे देश में एक बड़े विवाद व विरोध का कारण बन सकती है।
माननीय प्रधानमंत्री जी, जैन धर्म के इस शाश्वत तीर्थ क्षेत्र की एक निश्चित परिधि मधुबन सहित सम्पूर्ण पारसनाथ पहाड़ी पर मांसाहार व शराब का विक्रय के साथ-साथ सेवन के भी कड़े प्रतिबंध व दण्ड को लेकर राजाज्ञा जारी की जानी चाहिये।
माननीय प्रधानमंत्री जी, एक वास्तविक अल्पसंख्यक समाज की मान्यताओं, धर्मिक विश्वासों, आस्था को संरक्षण प्रदान करना केन्द्र सरकार के कर्तव्य के साथ-साथ जिम्मेदारी भी है। श्री सम्मेद शिखर जी पहाड़ की पवित्रता को बनाये रखने के लिये जैन समाज का यह खुला पत्र उचित संरक्षण प्रदान करने हेतु झारखंड सरकार को अग्रसरित करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध है।
धर्मिक अल्पसंख्यक जैन समाज का एक अनुयायी होने के नातें मैं केन्द्र सरकार से यह अनुरोध करता हूं कि धर्मनिरपेक्ष देश भारत के संविधान की धारा 29 के अन्तर्गत जैन समाज के सर्वोच्च तीर्थ स्थल की पवित्रता व सुचिता को बनाये रखने हेतु केन्द्र सरकार अपना संरक्षण प्रदान करते हुये उचित कदम उठायेगी।
सम्मेद शिखर पहाड़ की पवित्रता को बनाये रखने के लिये जैन समाज का यह खुला पत्र,, उचित संरक्षण प्रदान करने हेतु झारखंड सरकार को अग्रसरित करने हेतु केन्द्र सरकार से अनुरोध
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