नई दिल्ली : पूरा देश 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. राजधानी दिल्ली में हर साल की तरह इस साल भी राजपथ पर देश की ताकत और संस्कृति की झलक देखने को मिलेगी. इसके साथ-साथ भव्य परेड का भी आयोजन किया जाएगा. इस मौके पर राष्ट्रपति , प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहेंगे.
गणतंत्र दिवस के खास मौके पर सुबह क्या-क्या आयोजन होगा,
सबसे पहले सुबह 10.05 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल वॉर मेमोरियल यानि राष्ट्रीय समर स्मारक पहुंचकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. उस दौरान पीएम के साथ रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह, रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट, रक्षा सचिव, अजय कुमार और सेना के तीनों अंगों यानि थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख मौजूद रहेंगे.
करीब 15 मिनट बाद यानि 10.15 बजे पीएम राजपथ पहुंचेंगे. कुछ देर बाद यानि 10.18 पर उपराष्ट्रपति को राजपथ पर पहुंचना था लेकिन संभवता कोरोनाग्रस्त होने के चलते वे इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं हो पाएंगे. 10.21 मिनट पर फर्स्ट लेडी राजपथ पर पहुचेंगी. ठीक 10.23 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने काफिले और घोड़ों पर सवार प्रेसीडेंट बॉडीगार्ड्स के साथ राजपथ पर पहुंचेंगे.
10.26 पर ध्वजारोहण और राष्ट्रगान होगा. इस दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाएगी. 10.28 मिनट पर राष्ट्रपति सलामी मंच पर जम्मू कश्मीर पुलिस के एएसआई बाबू राम को मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान करेंगे. उनकी पत्नी रीता रानी शांति काल में वीरता का सबसे बड़ा पदक ग्रहण करेंगी. 10.30 पर वायुसेना के चार मी17वी5 हेलीकॉप्टर राजपथ के आसमान में पहुंचेंगे.
इन हेलीकॉप्टर में से एक पर तिरंगा लगा होगा और बाकी तीन पर सेना के तीनों अंगों (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के झंडे होंगे. ये सभी हेलीकॉप्टर आसमान से फूलों की बरसात भी करेंगे दर्शकों पर. इसके साथ ही 26 जनवरी की परेड की शुरूआत हो जाएगी. हेलीकॉप्टर की पुष्प-वर्षा के तुरंत बाद परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा राजपथ पर पहुंचेगे.
परेड के सेकेंड इन कमान, मेजर जनरल आलोक कक्कड़ के पहुंचने के बाद परेड विधिवत रूप से शुरू हो जाएगी. इस साल से परेड सुबह 10.30 बजे शुरू होगी. हर साल 10 बजे शुरू होती थी. लेकिन मौसम को देखते हुए परेड को आधा घंटा लेट कर दिया गया है. राजपथ पर सबसे पहले देश के परमवीर चक्र विजेता और अशोक चक्र विजेता खुली जिप्सी से पहुंचेंगे और राष्ट्रपति को सलामी देंगे. इसके बाद सेना की 61-कैवलरी के घुड़सवारों का दस्ता पहुंचेगा.
73वें गणतंत्र दिवस परेड में इस साल भारतीय सेना की ताकत तो दिखाई देगे ही साथ ही 1971 के युद्ध में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाने वाले विंटेज टैंक और तोप भी दिखाई देंगे. राजपथ पर परेड में सबसे पहले पीटी-76 और सेंचुरियन टैंक आएंगे जिन्होनें 1971 के युद्ध में पाकिस्तानी सेना की धज्जियां उड़ा दी थी. ये विंटेज टैंक अब सेना के जंगी बेड़ा का हिस्सा नहीं है और खासतौर से म्यूजयिम से परेड के लिए बुलाया गया है.
हाल ही में देश में ’71 के युद्ध की स्वर्णिम विजय वर्ष मनाया गया था. इसके अलावा 75/24 विंटेज तोप और टोपैक आर्मर्ड पर्सनैल कैरियर व्हीकल भी परेड का हिस्सा होगी. 75/24 तोप भारत की पहली स्वदेशी तोप थी और 1965 और 1971 के युद्ध में हिस्सा लिया था. हेलीकॉप्टर की दूसरी फोर्मेशन चार (04) एएलएच हेलीकॉप्टर की होगी, जो डायमंड फोर्मेशन बनाएंगे और राजपथ पर थलसेना की सैन्य-गाड़ियों के साथ आसमान में दिखाई पड़ेंगे.
विंटेज मिलिट्री हार्डवेयर के अलावा आधुनिक अर्जुन टैंक, बीएमपी-2, धनुष तोप, आकाश मिसाइल सिस्टम, सवत्र ब्रिज, टाइगर कैट मिसाइल और तरंग इलेक्ट्रोनिक वॉरफेयर सिस्टम सहित कुल 16 मैकेनाइज्ड कॉलम परेड में शामिल हैं. इस साल सेना के तीनों अंगों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के कुल 16 मार्चिंग दस्ते राजपथ पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री सहित सभी गणमान्य व्यक्तियों के सामने मार्च पास्ट करेंगे.
इस साल परेड में थलसेना की 61 कैवलरी (घुड़सवार) रेजीमेंट सहित कुल छह मार्चिग-दस्ते हैं जिसमें राजपूत रेजीमेंट, असम जैकलाई, सिखलाई, एओसी और पैरा रेजीमेंट शामिल हैं. इसके अलावा वायुसेना, नौसेना, सीआरपीएफ, एसएसबी, दिल्ली पुलिस, एनसीसी और एनएसएस के मार्चिंग दल और बैंड भी राजपथ पर दिखाई देंगे. बीएसएफ का ऊंट-दस्ता भी परेड में हर साल की तरह शामिल है.
इस साल परेड में 50, 60 और 70 के दशक की यूनिफॉर्म और उस वक्त के हथियारों (जैसे .303 राइफल) सहित सैनिक मार्च पास्ट करते दिखाई देंगे. दो ऐसी यूनिफार्म हैं जो अभी तक सैनिक पहनते आ रहे हैं. इसी महीने आई सेना की नई डिजीटल पैटर्न वाली कॉम्बेट यूनिफार्म में पैराशूट रेजीमेंट के कमांडो कदमताल करते दिखाई देंगे. इस साल बीएसएफ का ‘सीमा भवानी’ और आईटीबीपी का दस्ता बाइक पर हैरतअंगेज स्टंट करते दिखाई पड़ेगे.
सीमा भवानी बीएसएफ की महिला जवानों का दस्ता है. आईटीबीपी का बाइक दस्ता पहली बार परेड में शामिल हुआ है. राजपथ पर इस साल कुल 25 टैब्लो यानी झांकियां दिखाई देंगी जिसमें 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश, 09 केंद्रीय मंत्रालय और विभाग, दो डीआरडीओ, एक वायुसेना और एक ही नौसेना की शामिल हैं. इस साल राजपथ पर दर्शक-दीर्घा के ठीक पीछे 750 मीटर लंबा खास ‘कला कुंभ’ कैनवास होगा. इस कैनवास के दो भाग होंगे जिसपर देश की अलग अलग पैंटिंग और चित्रकारी (मधुबनी, कलमकारी इत्यादि) होगी.
ये दोनों कैनवास पिछले कुछ महीनों से भुवनेश्वर और चंडीगढ़ में तैयार किए जा रहे थे. करीब 600 चित्रकारों ने इस कैनवास को बनाने में हिस्सा लिया. इस साल परेड में स्कूल और कॉलेज के छात्र-छात्राओं के सांस्कृतिक कार्यक्रम की बजाए रक्षा मंत्रालय ने संस्कृति मंत्रालय के साथ मिलकर ‘वंदे भारतम’ कार्यक्रम का आयोजन किया. ये कार्यक्रम राज्यों और जोनल स्तर पर किया गया जिसमें 3800 युवा कलाकारों ने हिस्सा लिया.
इस कार्यक्रम का फिनाले राजधानी दिल्ली में हुआ और 800 कलाकारों का चयन किया गया जिन्हें राजपथ पर नृत्य और सांस्कृतिक कार्यक्रम करने का मौका दिया जाएगा. कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए इस साल गणतंत्र दिवस समारोह में सिर्फ 6000 दर्शक ही होंगे. पिछले साल करीब 25 हजार लोग राजपथ पर आए थे. लेकिन इस बार कोविड प्रोटोकॉल के चलते संख्या बेहद कम कर दी गई है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, लोगों से अपेक्षा है कि जनता परेड को टीवी, मोबाइल पर ही ज्यादा देखे और राजपथ ना आए. पिछले साल की तरह ही इस साल भी गणतंत्र दिवस परेड में कोई विदेशी मेहमान चीफ गेस्ट नहीं है. लेकिन इस साल आटोरिक्शा ड्राइवर, सफाई कर्मचारी और कोविड वॉरियर्स को खास तौर से राजपथ की दर्शक-दीर्घा में बैठने के लिए आमंत्रित किया गया है.
इस बार पूरे राजपथ पर 10 बड़ी एलईडी लगाई जाएंगी ताकि जो लोग सलामा मंच से दूर बैठे होंगे, वे लाइव देख सकें. करीब 11.45 मिनट पर राजपथ पर परेड समाप्त हो जाएगी और आसमान में थलसेना, वायुसेना और नौसेना का फ्लाई पास्ट शुरू हो जाएगा. इस साल गणतंत्र दिवस परेड में सबसे बड़ा और भव्य फ्लाईपास्ट होने जा रहा है जिसमें वायुसेना, नौसेना और थलसेना के कुल 75 एयरक्राफ्ट हिस्सा लेंगे.
आजादी के 75 वें वर्ष में आयोजित इस गणतंत्र दिवस फ्लाई-पास्ट में कुल 17 जगुआर लड़ाकू विमान एक ‘अमृत’ फोरमेशन में राजपथ के ठीक ऊपर ’75’ बनाते हुए भी दिखाई पड़ेंगे. इस साल फ्लाईपास्ट में वायुसेना के जगुआर, रफाल और सुखोई फाइटर जेट के साथ साथ नौसेना के पी8आई टोही विमान और मिग29के लड़ाकू विमान भी पहली बार हिस्सा लेंगे. थलसेना की एविएशन विंग के हेलीकॉप्टर भी फ्लाई पास्ट में शिरकत करेंगे.
1971 युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष के उपलक्ष्य में इस साल फ्लाई पास्ट में दो खास फोर्मेशन पाकिस्तान पर प्राप्त हुई जीत को समर्पित होंगी. इस साल कुल 16 फोर्मेशन राजपथ के ऊपर दिखाई पडेंगी. फ्लाई पास्ट की सभी फोर्मेशन राजपथ के करीब वॉटर चैनल से करीब 100 मीटर की दूरी पर ये फ्लाई पास्ट आयोजित की जाएंगी. राजपथ से करीब 200 फीट की ऊंचाई पर हेलीकॉप्टर की उड़ान होंगी जबकि फाइटर जेट करीब 1000 फीट की उंचाई पर फ्लाई करेंगे.
पहली तीन फोर्मेशन हेलीकॉप्टर की होंगी. पहली होगी पांच (05) एएलएच हेलीकॉप्टर की ‘राहत’ फोर्मेशन और दूसरी ‘मेघना’ फोर्मेशन. मेघना फोर्मेशन ’71 के युद्ध को समर्पित है और इसमें एक चिनूक हेलीकॉप्टर और चार मी17वी5 हेलीकॉप्टर होंगे. तीसरी, एकलव्य फोर्मेशन अटैक हेलीकॉप्टर्स की है जिसमें एक रूसी मी35 हेलीकॉप्टर और चार अमेरिकी अपाचे होंगे. फ्लाई पास्ट की अगली फोर्मेशन भी 1971 के युद्ध को समर्पित है जिसमें एक विंटेज, डकोटा एयरक्राफ्ट और दो डोरनियर एयरक्राफ्ट होंगे. ये ‘टंगैल’ फोर्मेशन बनाएंगे.
1971 के युद्ध में डकोटा एयरक्राफ्ट से ही ढाका के करीब टंगैल में सेना ने एयर-ड्रॉप किया था जिसने पाकिस्तान की हार में आखिरी कील ठोकने का काम किया था. इसके बाद तीन (03) सी-130 हरक्युलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट ‘त्राण’ फोर्मेशन बनाएंगे. ‘नेत्रा’ फोर्मेशन में एक अवैक्स टोही विमान और दो-दो सुखोई और मिग29 लड़ाकू विमान होंगे जो ऐरो फोर्मेशन में होंगे. इस साल कुल सात (07) रफाल लड़ाकू विमान हिस्सा लेंगे. पांच रफाल ‘विनाश’ फोर्मेशन में होंगे.
इसके अलावा एक रफाल, दो जगुआर, दो मिग 29 और दो सुखोई के साथ ‘बाज’ फोर्मेशन में दिखाई पड़ेगा. एक सिंगल रफाल राजपथ के आसमान में ‘विजय’ फोर्मेशन बनाते हुए ‘वर्टिकल चार्ली’ मैन्युवर करेगा. वायुसेना के मुताबिक, तीन (03) सुखोई लड़ाकू विमान ‘त्रिशुल’ फोर्मेशन में होंगे. गणतंत्र दिवस परेड की फ्लाई पास्ट में हिस्सा ले रहे भारतीय नौसेना के पी8आई एंटी सबमरीन एयरक्राफ्ट और मिग29के फाइटर जेट ‘वरूणा’ फोर्मेशन में दिखाई पड़ेंगे.
इसके अलावा वायुसेना की ‘सारंग’ टीम के पांच (05) एएलएच हेलीकॉप्टर ‘तिरंगा’ फोर्मेशन में होंगे. फ्लाई-पास्ट की समाप्ति 17 जगुआर फाइटर जेट्स के साथ अमृत फोर्मेशन से होगी जो आसमान में ’75’ की आकृति बनाएंगे.