एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार जापान के वैज्ञानिकों की एक टीम ने दावा किया है कि मानव अगर अभी भी प्लास्टिक पर रोक नहीं लगाता है तो कुछ ही सालों में बादल पानी की जगह प्लास्टिक के कंडों वाली बारिश करना प्रारंभ कर देंगे। पहली बार इस तरह की रिपोर्ट सामने आई है। टीम ने बादलों के बीच तैरते हुए नौ प्रकार के पॉलिमर और एक रबर का पता लगा है। शोधकर्ता इसे जलवायु के लिए चिंताजनक संकेत मान रहे हैं। क्योंकि प्लास्टिक अगर जमा हो गए तो धरती का वायुमंडल खतरे में पड़ सकता है। शोधकर्ताओं की टीम ने माउंट फ़ूजी और माउंट ओयामा की उंची चोटियों पर छाई धुंधली धुंध से पानी इकट्ठा किया और उस पर रिसर्च की । सभी नमूनों का कंप्यूटर इमेजिंग तकनीक की मदद से विश्लेषण किया।
भविष्य में इसकी वजह से सूखा पड़ सकता है. पहली बार इस तरह की रिपोर्ट सामने आई है. साइंस्टिस्ट के मुताबिक, माइक्रोप्लास्टिक ऐसे कण हैं जो 5 मिलीमीटर से कम आकार के होते हैं, वे काफी घातक होते हैं. यह हमारे पीने के पानी और भोजन की आपूर्ति से लेकर मानव अंगों और यहां तक कि एक मां के भ्रूण तक पहुंच सकते हैं।