नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया है। पार्टी मुख्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में ‘मोदी की गारंटी 2024’ नाम से जारी इस घोषणापत्र में देश के सर्वांगीण विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है। पर्यावरण अनुकूल शहरों के विकास से लेकर शिक्षा, उद्योग और किसानों के लिए तमाम योजनाओं को लागू करने का वादा किया गया है।
चुनावी घोषणापत्र में पार्टी ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार पर भी जोर दिया है। ‘स्वस्थ भारत की मोदी की गारंटी’ नाम से जारी खंड में एम्स के विस्तार से लेकर मेडिकल शिक्षा में सीटों को बढ़ावा देने, लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने, वैक्सीनेशन का उत्पादन बढ़ाने के साथ स्वास्थ्य सेवाओं में प्रशिक्षण की व्यवस्था को और मजबूती देने की घोषणा की गई है।
आइए जानते है कि भाजपा ने अपने चुनावी वादों में स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए किन-किन विषयों पर जोर दिया है?
एम्स के विस्तार को मजबूती देने के मेडिकल शिक्षा को बढ़ाने पर जोर
घोषणापत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने और हर वर्ग को सस्ती-गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से देशभर में एम्स के नेटवर्क को और मजबूती देने का वादा किया गया है। पत्र में कहा गया है, हमने पिछले दशक में 15 एम्स स्थापित किए हैं जिसके माध्यम से हर वर्ग को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हुई हैं। हम पूरे देश को अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध करवाने के लिए एम्स के नेटवर्क को और मजबूत करेंगे।
एम्स में और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ जिला-स्तरीय मेडिकल कॉलेजों के माध्यम से यूजी एवं पीजी मेडिकल शिक्षा में सीटें बढ़ाने का भी वादा किया गया है। पीएम-आयुष्मान भारत हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन के अंतर्गत माध्यमिक और प्राथमिक स्वास्थ्य संस्थानों का उन्नयन करने और इसका विस्तार करके सुदृढ़ स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने का भी लक्ष्य रखा गया है।
घोषणा पत्र की मुख्य बातें
एम्स सेवाओं में सुधार के साथ चुनावी घोषणापत्र में भाजपा ने स्वास्थ्य सुधार के लिए कई अन्य विषयों पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
भाजपा ने आयुष्मान आरोग्य मंदिरों को और मजबूती देने का वादा किया है। जिला अस्पतालों और सेकेंडरी स्वास्थ्य संस्थानों में व्यापक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने पर जोर दिया जाएगा।
जन औषधि केंद्रों का विस्तार करके सभी नागरिकों को अच्छी दवाइयां कम दामों पर उपलब्ध कराने का लक्ष्य।
सभी ट्रॉमा रोगियों की तत्काल और प्रभावी देखभाल के लिए इमरजेंसी और ट्रॉमा केयर मिशन की शुरुआत होगी।
समय पर परीक्षण और दवाएं प्रदान करके टीबी, लेप्रोसी, लिम्फेटिक फाइलेरियासिस, मीसल्स और रूबेला, ट्रेकोमा और काला अजार के उन्मूलन के सभी मौजूदा प्रयासों में तेजी लाई जाएगी।
अनुसंधान और उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भारतीय वैक्सीन निर्माताओं और बायोफार्मा कंपनियों को प्रोत्साहन और समर्थन देंगे।
पैरामेडिक्स, तकनीशियनों, फार्मासिस्ट और नर्सों को प्रशिक्षित करने के सभी मौजूदा कार्यक्रमों को मजबूती देने का लक्ष्य है।
मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार
भाजपा ने घोषणापत्र में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर भी प्रतिबद्धा जताई है। इसमें कहा गया है- वर्तमान में मानसिक स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में उभरा है। हम योग और ध्यान सहित अपने पारंपरिक उपायों को सुदृढ़ करेंगे, साथ ही मानस और मनोदर्पण जैसी मेंटल हेल्थ सेवाओं का विस्तार भी करेंगे।
लंबे समय से मानसिक स्वास्थ्य को मेनिफेस्टो का हिस्सा बनाने को लेकर आवाज उठाने वाले भोपाल स्थित वरिष्ठ मनोचिकित्सक डॉ सत्यकांत त्रिवेदी कहते हैं, सरकार का ये बेहतर कदम है। लंबे समय देशभर के मनोचिकित्सक प्रयास कर रहे हैं कि मानसिक स्वास्थ्य राजनीतिक दलों की भी प्राथमिकता बने। जनसंख्या की दृष्टि से भारत काफी बड़ा देश है, कोविड के बाद मानसिक स्वास्थ्य विकारों के मामले काफी बढ़े हैं, ऐसे में इस दिशा में और प्रयास करने के साथ हैपिनेस इंडेक्स में सुधार के लिए भी प्रयास किया जाना बहुत जरूरी है।
कांग्रेस ने भी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की जताई प्रतिबद्धता
इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी 5 अप्रैल को जारी चुनावी घोषणापत्र में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार को लेकर कई सारे वादे किए हैं।
कांग्रेस के घोषणापत्र में कहा गया- हम स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार को लेकर प्रतिबद्ध हैं। हम वादा करते हैं कि अस्पतालों, क्लीनिकों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, मोबाइल हेल्थकेयर इकाइयों, औषधालयों और स्वास्थ्य शिविरों जैसे सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों में स्वास्थ्य देखभाल सार्वभौमिक और मुफ्त होगी।