मध्यप्रदेश:– तेज रफ्तार जिंदगी, बढ़ता तनाव और खराब लाइफस्टाइल के चलते दुनियाभर में हार्ट अटैक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 1.8 करोड़ लोगों की मौत हार्ट संबंधी बीमारियों से होती है, जिनमें से करीब एक-तिहाई मामले हार्ट अटैक के होते हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, अब साइलेंट हार्ट अटैक यानी बिना स्पष्ट लक्षणों वाला दिल का दौरा, एक नई और गंभीर चुनौती बनकर सामने आ रहा है. इसे साइलेंट इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें मरीज को सामान्य हार्ट अटैक जैसे तेज दर्द या बेचैनी महसूस नहीं होती. यह चुपचाप होता है और कई बार तब तक पता नहीं चलता जब तक नुकसान काफी बढ़ न जाए.
साइलेंट हार्ट अटैक का मुख्य कारण होता है हार्ट की नसों में कोलेस्ट्रॉल और फैट का जमाव, जिससे ब्लड फ्लो बाधित हो जाता है. हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, धूम्रपान, अधिक तनाव और असंतुलित डाइट इसके प्रमुख कारण हैं. विशेषज्ञ बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण ज्यादा अस्पष्ट होते हैं, जिससे डाइग्नोसिस में देरी हो जाती है. 40 वर्ष से अधिक उम्र के लोग, डायबिटीज के मरीज और कम एक्टिव रहने वाले लोग इसका ज्यादा शिकार होते हैं. लगातार थकान, नींद की कमी और मानसिक तनाव भी इसे बढ़ावा देते हैं. यह धीरे-धीरे हार्ट की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाकर गंभीर हार्ट डिजीज में बदल सकता है.
साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं?
राजीव गांधी हॉस्पिटल में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉ. अजीत जैन बताते हैं कि साइलेंट हार्ट अटैक में लक्षण बहुत हल्के या असामान्य होते हैं, इसलिए लोग इन्हें अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं. इसमें सीने में हल्का दबाव या जलन महसूस हो सकती है, जो सामान्य एसिडिटी या गैस जैसी लगती है. इसके अलावा, पीठ, गर्दन, जबड़े या कंधे में हल्का दर्द, सांस फूलना, अचानक थकान या नींद में परेशानी जैसे संकेत भी दिख सकते हैं.
कई बार पसीना आना, मतली या उलझन महसूस होना भी इस स्थिति का लक्षण हो सकता है. डायबिटीज के मरीजों में दर्द का अहसास कम होने के कारण यह हार्ट अटैक बिना दर्द के भी हो सकता है. इसलिए अगर शरीर में बार-बार ऐसी परेशानी हो रही है, तो इसे मामूली समझकर अनदेखा न करें. समय पर ECG या डॉक्टर की जांच से इस खतरे को पहचाना जा सकता है.
कैसे करें बचाव
नियमित रूप से ब्लड प्रेशर और शुगर लेवल जांचें.
रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज या वॉक करें.
हेल्दी डाइट लें, तली और मीठी चीजों से परहेज करें.
धूम्रपान और शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें.
पर्याप्त नींद लें और तनाव कम करने की कोशिश करें।